April 28, 2024

Baptisia Tinctoria® बैप्टिशिया के फायेदे

बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria)

बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria) औषधि का परिचय

यह एक तरह की होम्योपैथिक दवा है जो की बहुत सी बीमारियों को ठीक करने के काम में आती है, इसका उपयोग आंत्र ज्वर यानी कि टाइफाइड में, सीने के दर्द में, सांस लेने में तकलीफ होने में इत्यादि अनेको बीमारियों में किया जाता है, जिनके बारे में हम आगे आपको बताएंगे।

 

कहाँ मिलती है बैप्टिशिया ( Baptisia Tinctoria) औषधि ?

यह एक तरह का जंगली पौधा है जो मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में ही पाया जाता है, वहाँ के रहने वाले लोग इस जड़ी बूटी का प्रयोग कब्ज, पेट दर्द, जुखाम आदि को ठीक करने में किया करते थे।

यह पौधा वैसे तो एक जहरीले पौधे के रूप में जाना जाता है लेकिन इसके अंदर काफी अच्छे औषधीय गुण होने के कारण वहाँ के लोग इसका उपयोग करते है।

 

ऑस्ट्रेलिया के लोग पुराने जमाने में बैप्टिशिया का प्रयोग कैसे करते थे ?

यह बात उस समय की है जब पूरी दुनिया में राजनीतिक उथल पुथल चल रही थी, और नए देशो की खोज की जा रही थी, तब ऑस्ट्रेलिया के इस जंगली हिस्से पर एक अमेरिकी जहाज उतरा, उस जहाज के सभी लोग लंबी यात्रा की वजह से बीमार हो गए थे और उनमे से काफी लोग मर भी गए थे।

तब वहां के स्थानीय निवासियों ने इस औषधि का प्रयोग करके उन सभी की जान बचाई थी।

उन अमेरिकी लोगो में एक वैज्ञानिक दल भी था जिन्होंने इस दवा के बारे में जानने का प्रयास किया,

तब उन्हें पता लगा कि यह एक तरह की जंगली बूटी है जिसकी जड़ो का रस निकाल के यहाँ के लोग पेट दर्द, त्वचा रोग, नेत्र रोग आदि का इलाज किया करते है।

इसके बाद अमेरिकी लोग उस पौधे को अपने साथ अमेरिका ले गए, फिर वहाँ से बैप्टिशिया औषधि पूरी दुनिया में फैल गई, फिर सभी होम्योपैथिक चिकित्सा करने वाले इसका उपयोग करने लगे थे।

 

लक्षणो के आधार पर रोग का उपचार और उपयोग रोग के अनुसार दवा का उपयोग करने का तरीका 

किनकिन बीमारियों में काम आती है बैप्टिशिया ?

बैप्टिशिया बहुत सी बीमारियों में काम आती है जिसके बारे में सभी जानकारी निम्नलिखित है –

  1. आंत्र ज्वर
  2. नेत्र विकार
  3. पेट दर्द
  4. त्वचा रोग
  5. मानसिक विकार
  6. मुख के रोग में
  7. बुखार में जिसमें शरीर में टूटन होती है
  8. निद्रा रोग के निदान में

 

आंत्र ज्वर में बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria)

आंत्र ज्वर में इसका प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है, और बैप्टिशिया को टायफाइड की ही मुख्य औषधि माना जाता है, जब रोगी की हालत ज्यादा खराब होने लगे और उसे उल्टी, मितली, पेट दर्द, पेट में मरोड़, पूरे शरीर मे ठंड लगना, नींद न आना, हाथ पैर में असहनीय दर्द होना जैसे लक्षण बढ़ने के बाद या इन लक्षणों की शुरुआत में ही इस दवा को दिया जा सकता है,

हमारे देश में यह दवा होम्योपैथिक सेंटर पर मिल आसानी से मिल जाएगी, इस दवा में सफेद रंग की छोटी सी गोल गोलियाँ होती है, जिनमें बैप्टिशिया औषधि का रस डाला जाता है जो कि बैप्टिशिया की जड़ो से निकाला जाता है।

आंत्र ज्वर में हम मरीज को 3 से 4 बार इस दवा को देते है, और एक बार में 5 से 6 गोली ही दी जाती है, लेकिन इस दवा का प्रयोग आप किसी अच्छे चिकित्सक की देख रेख में ही करें, क्योंकि यह दवा बहुत ही सेंसिटिव होती है जो कि मरीज को नुकसान भी पहुँचा सकती है।

आमतौर पर इस दवा की मदद से आंत्र ज्वर ठीक हो जाता है और मरीज 7 दिन में सही हो जाता है।

 

नेत्र विकार में बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria)

बैप्टिशिया का प्रयोग नेत्र विकारों को दूर करने में भी किया जाता है, अगर नेत्र में कुछ गंभीर लक्षण जैसे कि नेत्र का लाल होना, खुजली होना, सफेद पानी आना, नेत्र ज्योति का कमजोर पड़ जाना, रात में दिखाई न देना,

अगर इनमें से कोई भी एक लक्षण मरीज में दिख रहा है तो बिना एक पल की देरी किये हुए उसे बैप्टिशिया की खुराक देनी चाहिए, इस खुराक को दिन में 2 से 3 बार दे सकते है जिससे मरीज को बीमारी में काफी आराम मिलता है, और इसके लगातार सेवन से सभी तरह के नेत्र विकार दूर हो जाते है।

लेकिन कभी भी इस औषधि का उपयोग खुद के मन से मत करना, अगर नेत्र में ऊपर में से कोई भी लक्षण रोगी में दिखाई पड़ रहे है तो आप पास के किसी होम्योपैथी डॉक्टर के पास जा सकते है।

 

पेट दर्द में बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria)

पेट दर्द में बैप्टिशिया औषधि बहुत ही कारगर सिद्ध होती है, इस औषधि की मदद से पेट के बहुत से रोग दूर हो जाते है,

खासकर पेट दर्द में आप इस दवा को खा सकते है, इस दवा के सेवन से अगर आपके पेट में कब्ज की समस्या है या फिर पेट में मरोड़ उठ रही है, या पेट मे रह रह कर दर्द उठ रहा है तो इन सभी परिस्थितियों में आप बैप्टिशिया औषधि का सेवन कर सकते है।

इसका सेवन करने से पहले आपको कुछ खा लेना चाहिए क्योंकि खाली पेट यह दवा अच्छे से असर नहीं करेगी।

 

त्वचा रोग बैप्टिशिया (Baptisia Tinctoria)

बैप्टिशिया का एक और खास गुण है यह आपकी त्वचा को सुंदर करने में भी सहायक होता है, अगर किसी रोगी को कोई भी त्वचा रोग है जिसमे उसकी त्वचा रूखी हो गयी हो, त्वचा फट रही हो, त्वचा पर किसी भी तरह का इन्फेक्शन हो गया हो, या फिर त्वचा पर फोड़े-फुंशी निकले हो, या फिर दाद और खुजली हो, इन सभी समस्याओं में आप इस दवा का सेवन दिन में 3 से 4 बार कर सकते है, और बैप्टिशिया के लिक्विड को इन्फेक्टेड स्किन पर भी लगा सकते है।

 

मानसिक विकार में बैप्टिशिया (Baptisia )

बैप्टिशिया का एक और खास औषधीय गुण है कि यह आपके दिमाग को शांत करने में भी सहायक होता है, इसकी मदद से चिकित्सक बहुत से मानसिक रोगों का उपचार करते है,

अगर किसी मरीज में गम्भीर मानसिक रोग के लक्षण उभर रहे हो जैसे कि मरीज बहुत ही चिड़चिड़ा हो गया हो, वो हमेशा अपनी ही उधेड़बुन में लगा रहता हो, या फिर रोगी को लगता हो कि उसने नशा किया हुआ हो,

रोगी की इन सभी परिस्थितियों में बैप्टिशिया की खुराक चिकित्सक द्वारा रोगी को दी जाती है, जिससे रोगी जल्दी ही सामान्य जीवन जीने लगता है।

इसके अलावा बैप्टिशिया Hypertension को ठीक करने में भी सहायक होती है।

 

मुख के रोग में बैप्टिशिया 

यह औषधि मुख रोग में भी कमाल का असर दिखाती है अगर रोगी के मुख में से सड़न की बदबू आ रही है या फिर उसके मुँह में छाले हो गए है, या फिर घाव है जिनसे खून के साथ बुरी महक निकल रही है तो इस परिस्थिति में रोगी को बैप्टिशिया के लिक्विड से कुल्ला करवा के उसे दवा खाने के लिए दी जा सकती है, बैप्टिशिया के सेवन से मरीज के सभी तरह के मुख के रोग कुछ ही दिन में सही हो जायेगे।

 

बुखार में जिसमें शरीर में टूटन होती है

बैप्टिशिया औषधि सभी तरह के बुखार को ठीक करने में सहायक होती है, अगर किसी मरीज के पूरे शरीर मे टूटन हो, उसके हाथ-पैर और सर में बहुत दर्द हो तब इस परिस्थिति में आप मरीज को बैप्टिशिया की एक खुराक दे सकते है,

बैप्टिशिया में बहुत से एंटीबायोटिक गुण होते है जो कि रोगी के कमजोर हो चुके शरीर की इम्युनिटी को बढ़ा देती है जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।

 

निद्रा रोग के निदान में

निद्रा रोग के उपचार में सभी होम्योपैथी डॉक्टर बैप्टिशिया का उपयोग बड़ी मात्रा में करते है, अगर किसी रोगी को नींद नही आती हो और वह खूब सोने के बाद भी सुस्त रहता है, हमेशा आलस में रहता है,

तो इस परिस्थिति में हम रोगी को बैप्टिशिया की दवा सेवन के लिए दे सकते।

इसके प्रभाव से सभी तरह के निद्रा रोग जल्दी ही ठीक हो जाते है।

 

 

बैप्टिशिया के सेवन के दौरान परहेज

इस दवा को खाने के दौरान रोगी को रोग के अनुसार ही परहेज करना चाहिए, जैसे कि ठंडी, भारी और मसालेदार भोजन के सेवन से बचना चाहिए।

रोगी को बस हल्का भोजन ही करना चाहिए, जिससे कि रोगी को भोजन निगलने और पचाने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

 

Faq

  1. क्या हम सभी बैप्टिशिया का उपयोग खुद की मर्जी से कर सकते है ?

★ नही, यह एक तरह की औषधि होने के साथ एक तरह का विष भी है, इसका उपयोग हमें बस चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए।

  1. अगर गलती से हमने इस दवा की कोई भी 1 खुराक छोड़ दी हो तब क्या होगा ?

★ अगर गलती से आपसे कोई खुराक छूट भी जाती है तो आपको डरने की जरूरत नही है, आप बाद में भी इसका सेवन कर सकते है।

  1. इस दवा का ओवरडोज़ लिया जा सकता है क्या ?

★ नहीं, अगर गलती से भी आपने बैप्टिशिया का ओवरडोज ले लिया है तो आपको कुछ देर में ही उल्टियां शुरू हो जाएगी और आपकी तबियत बिगड़ भी सकती है इसीलिए इस दवा का ओवरडोज़ लेने से बचे।

  1. इस दवा का सेवन हम किसी और अन्य दवाओं के साथ भी कर सकते है क्या ?

★ जी हाँ, यह एक होम्योपैथिक दवा है, इसका सेवन आप किसी भी अन्य दवा के खाने से पहले या बाद में कर सकते है, अगर गलती से आपने किसी ओर अन्य दवा के साथ इसका सेवन कर भी लिया है तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

 

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