April 28, 2024

अल्फाल्फा (Alfalfa)

Alfalfa

अल्फाल्फा (Alfalfa) का परिचय

नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है, आज हम होमियोपैथिक मेडीसीन अल्फाल्फा (Alfalfa)  होम्योपैथिक के बारे में बात करेंगे, समय बदल रहा है लोग एलोपैथिक से पुनः होमियोपैथिक की ओर लौट रहे है ऐसे में आज के समय में होमियोपैथिक मेडीसीन की मांग बढ़ रहा है।

अल्फाल्फा  एक औषधीय पौधा है जिसका प्रयोग आज के समय मे कई तरह के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्या के ट्रीटमेंट में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार यह महत्वपूर्ण जड़ी बूटी की तरह ही कार्य करता है वह भी अति शीघ्र ही, इसका प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं परन्तु चाइना, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका तथा अन्य देशो में औषधीय के रूप मे प्रयोग किया जा रहा है।

अल्फाल्फा के पौधे की पत्ती, फल, फूल, बीज तथा अंकुरित भाग आदि का प्रयोग औषधीय के रूप में किया जाता है।

आज हम अल्फाल्फा होम्योपैथिक मेडिसीन से जुड़े हुए जानकारी के बारे में बात करेंगे, इसके साथ ही अल्फाल्फा के बारे में जानेंगे कि आखिर इसका प्रयोग किस रोग के उपचार में होता है, किस पोटेंसी में आता है, इसका किसी तरह से सेंवन करते है, इसे किस कंपनी द्वारा बनाया जाता है, तथा कौन से अल्फाल्फा अच्छा होता है आदि के बारे में हम इस पोस्ट के माध्यम से बात करेंगे तो चलिए दोस्तों विस्तार में अल्फाल्फा (Alfa Alfa)  होमियोपैथिक मेडिसीन के बारे में जानते है।

अल्फाल्फा (Alfalfa) किन रोगों में काम आता है ?

दोस्तो, अल्फाल्फा दवा का मुख्य प्रभाव शरीर की संवेदी तंत्रिका पर विशेष रूप से होता है । भूख की कमी व पाचन तंत्रिका पर इस दवा का विशेष प्रभाव होता है ।

दोस्तो, इसके अलावा भी अल्फाल्फा दवाई बहुत सारे रोगों में काम आता है यदि हम इसके मुख्यतः दो रोगों में काम के बारे में देखते है तब यह सबसे ज्यादा शक्तिशाली डायबिटीज को कम करने में तथा कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है, आइये जानते है यह किस तरह से इस रोग के उपचार में सहायक है-

 

डायबिटीज को नियंत्रित करने में अल्फाल्फा (Alfalfa) का प्रयोग :

अल्फाल्फा यह एक बेहतरीन जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग रक्त शर्करा अर्थात डायबिटीज का स्तर बढ़ गया होता है उसे कम करने के लिए किया जाता है। वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार अल्फाल्फा की पत्तियों के चूर्ण में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण गुण होता है जो कि ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक है तथा यह डायबिटीज के बढ़े हुए स्तर को सामान्य करने में मदद करता है, इस तरह से यह डायबिटीज कम करने में सहायक होता हैं।

 

• कोलेस्ट्रॉल कम करने में अल्फाल्फा:

यदि आपके शरीर मे कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तब आप अपने शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम या फिर समान्य करने के लिए अल्फाल्फा का मुलार्क अर्थात मदर टिंचर का उपयोग कर सकते है, इसके अलावा यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने मे सहायता करता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है, अल्फाल्फा में एक एंजाइम होता है जो कि हृदय रोग व डायबिटीज के जोखिम को कम करने का प्रयास करता है।

• इस दोनों बीमारी के अलावा अल्फाल्फा होमियोपैथिक दवा का प्रयोग वजन बढ़ाने में, पाचन शक्ति को सुधारने में, हृदय रोग से सम्बंधित बीमारी को कम करने में, रक्त प्रवाह को रोकने में तथा कैंसर से बचाव आदि के लिए अल्फाल्फा होमियोपैथिक मेडिसीन का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सामान्य तौर में भी किया जाता है ।

 

अल्फाल्फा किस पोटेंसी में प्रयोग होता है :

दोस्तों, अल्फाल्फा का प्रयोग मुख्यत 2 तरह के पोटेंसी में किया जाता है, होम्योपैथी चिकित्सा में पोटेंसी का अर्थ ‘पावर ऑफ मेडिसिन’ होता है, अल्फाल्फा होमियोपैथिक मेडिसिन का प्रयोग दोनों पोटेंसी लोअर पोटेंसी तथा हायर पोटेंसी मे किया जाता है,

लोअर पोटेंसी जिसकी शुरुआत मदर टिंचर अर्थात मुलार्क से होती है ,एक्यूट डिजीज में काम करता है वही हायर पोटेंसी का स्तर 30 से लेकर एक लाख पोटेंसी तक होता है, तथा इसमें यदि मरीज का स्तर बीमारी के साथ बदल रहा हो तब उचित पोटेंसी का चुनाव करते है एवं उपचार करते है, तथा लोअर पोटेंसी हफ्ते में 4- 6 बार तथा हायर पोटेंसी हफ्ते या 15 दिन में एक बार दिया जाता है। अल्फाल्फा सबसे ज्यादा मदर टिंचर में प्रयोग होता हैं, यह लोअर पोटेंसी में आता है , तथा जीरो पावर होता है, इसको मूल अर्क भी कहते है तथा इसका काम कमजोरी में ताकत बढ़ाने के लिए होता है।

lower Power :- Alfalfa Q, Alfalfa 3x

High Power :- Alfalfa 30, Alfalfa 200, Alfalfa 1M

 

अल्फाल्फा का आयुर्वेदिक प्रयोग :

अल्फाल्फा एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधीय है जो कि जड़ी बूटियों के समान कार्य करता है, यह पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक दवा है जिसका प्रयोग अलग अलग अनुपात में अलग अलग बीमारी के उपचार में किया जाता है। आज के समय मे कोई भी दवा को हम आसानी सेंवन कर लेते है ताकि हम जल्द से जल्द रिलीफ मिल जाए पर आयुर्वेदिक दवा का सेंवन करते समय ध्यान रखना चाहिए यह एलोपैथिक दवा के समान तुरंत रिजल्ट नही देता है इसमें थोड़ा वक्त लगता है ऐसे में आयुर्वेद दवा का सेंवन करते वक़्त डोज का ध्यान रखे साथ ही इस बात का ध्यान रखे कि कभी भी आयुर्वेदिक दवा को चबा कर नही खाना है, उसे चूस चूस कर खाना चाहिए,

 

आयुर्वेद के अनुसार अल्फाल्फा का प्रयोग :-

• अल्फाल्फा की पत्तियों का प्रयोग मुख्यतः चाय बनाने में किया जाता है, क्योकि यह शरीर के लिए बहुत ही फयदेमंद होता है।

• अंकुरित अल्फाल्फा का प्रयोग अन्य सलाद के साथ खाया जा सकता हैं, इससे आपको सर्दी व बुखार होने की समस्या से निजात मिलेगा।

• अल्फाल्फा का प्रयोग बड़े पैमाने पर चाइनीज व आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

• अल्फाल्फा में अत्यधिक औषधीय गुण होता है इसका उपयोग मेनोपॉज़ किया जाता है।

• अल्फाल्फा का उपयोग टॉनिक के रूप में अपच व एनीमिया से बचाव आदि के लिए भी किया जाता है।

 

अल्फाल्फा का आयुर्वेद के अनुसार सेंवन कैसे करे :

आप कभी भी कोई भी दवा लेते है तब आपको डॉक्टर सलाह देता है कि आपको इस दवाई को सुबह शाम खाली पेट खाना है, इस दवा को दोपहर खाना खाने के बाद खाना है उस तरह आयुर्वेदिक दवा का भी खाने का समय होता है,

मुलत: बहुत सारे आयुर्वेदिक दवाओं का सेंवन खाली पेट मे किया जाता है पर अल्फाल्फा का प्रयोग दिन में दो बार यदि सुखी पत्ती का सेंवन कर रहे है तब खाना खाने के बाद करना चाहिए, यदि आप अंकुरित अल्फाल्फा का सेंवन करते है तब खाने से पहले सलाद के रुप में पहले खाना होता है।

इस तरह से यदि आपको केंसर से अपने आप को बचाव करना है तब आपको रात में खाना खाने के बाद अल्फाल्फा का सेंवन प्रतिदिन करना चाहिए। इस तरह से आप अल्फाल्फा का प्रयोग कर सकते है, आयुर्वेदिक दवा का लक्षण तुंरन्त दिखाई नही देता है ऐसे में सेंवन करते समय एक निश्चित अनुपात में ही करे, उससे अधिक नही, आप एक अल्फाल्फा उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टरों से सलाह भी ले सकते है।

 

होम्योपैथिक में अल्फाल्फा किस 2 कंपनी की आती है और बेस्ट कौन सी है :

अल्फाल्फा वैसे तो बहुत सारे कम्पनियों का आता है लेकिन यदि आप सबसे ज्यादा लाभ की बात किया जाये तब अल्फाल्फा इन 3 कंपनियां है जहां का सबसे ज्यादा डिमांड में होता है-

Dr Recekweg
● SBL
● WSI

इस तीनो की ही डिमांड मार्किट में बहुत ज्यादा है, पोटेंसी के अनुसार मदर टिंचर का है जो कि SBL वर्ल्ड क्लास होमियोपैथिक द्वारा बनाया जाता है, इसके पीछे का कारण है इसका प्रयोग मूलतः लोअर पोटेंसी में होता है व लोग लोअर पोटेंसी में ही मुख्यतः खुद से इलाज करते है ऐसे में इसकी मांग सबसे अधिक है व यह रिलीफ भी जल्दी प्रदान करता है, इसके साथ ही अल्फाल्फा dr. Recekweg, Dr. S C Debs व Dr. Willimar आदि कम्पनियों का भी अल्फाल्फा आता है जो काफी बेहतरीन होता है, तथा इसकी भी रिव्यु अच्छा है।

 

Frequently Asked Questions :

Q-1 SBL Alfalfa Mother Tincture का प्रयोग क्या है?

Ans- SBL Alfalfa mother tincture का प्रयोग भूख लगने में , पाचनतंत्र की कमजोरी आदि में ज़्यादातर किया जाता है

 

Q-2 वजन बढ़ाने के लिये कौन से होम्योपैथिक दवा लाभदायक है?

Ans – वर्तमान समय मे यदि आप अपना वजन बढ़ाना चाहते है तब होम्योपैथिक की दवा से बेहतर कुछ नही हो सकता है आज के समय मे होम्योपैथिक की मुखयतः 3 दवाएं है जिसका प्रयोग आप वजन बढ़ाने के लिए कर सकते है ।

1. Alfalfa Tonic,
2.  Avena Mother Tincture
3- Alfalfa Malt है

 

Q-3 अल्फाल्फा होमियोपैथीक मेडिसिन लिवर के लिए अच्छा होता है?

Ans- अल्फाल्फा होमियोपैथिक दवा के सेंवन से कोलेस्ट्रॉल बैलेंस रहता है तथा इससे लिवर खराब होने की समस्या से निजात मिलता है।

 

Q-4 क्या अल्फाल्फा मेडिसिन गठिया रोग के उपचार में सहायक है ?

Ans- अल्फाल्फा के प्रयोग से गठिया रोग से मुक्ति मिलता है यह घरेलू उपचार है, तथा अल्फाल्फा में उपस्थित कॉपर घरेलू नुस्खे का काम करता है व जल्द से जल्द गठिया रोग से मुक्ति दिलाता है।

 

Q-5 अल्फाल्फा के अधिक सेंवन से क्या होता है :

Ans- यदि आप अल्फाल्फा का अधिक सेंवन करते है तब यह स्वतः प्रतिरक्षा रोगों के लक्षण में वृद्धि करता है तथा इसके अधिक सेंवन से शरीर में बीमारी होने की संभावना बढ़ जाता है ऐसे में अल्फाल्फा का सेंवन एक निश्चित अनुपात में करे।

 

Some othrs Homeopathic Medicines

 

Apis Mellifica                 Berberis Vulgaris

Aconite Napellus

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