April 29, 2024

एस्कुलस हिपोकैस्टेनम (Aesculus Hippocastanum)

Aesculus Hippocastanum

एस्कुलस हिपोकैस्टेनम (Aesculus Hippocastanum) का मुख्य प्रयोग-

यह औषध (Aesculus Hippocastanum) बवासीर की प्रमुख दवाओं में से एक है । निरन्तर मन्द-मन्द दर्द जिसका गुदामार्ग और कटि-संस्थान पर प्रभाव होता है । चलने या झुकने से यह दर्द अधिक बढ़ जाता है । कटिशूल के अलावा । इसमें ऐसा लगता है जैसे गुदामार्ग में कुछ भरा हुआ है, सुखा है या गुदामार्ग किसी चीज से भरा हुआ है । यदि मस्से हों तो कटिशूल में बहुत वृद्धि हो जाती है मन में सुस्ती और हताश भाव, क्रोध, मस्तिष्क की अकर्मण्यता, असन्तोष नई सर्दी, आँसू गिरना, यकृत में दर्द, गुदा-स्थान सूखा और गर्म रहता है।

Use of Aesculus Hippocastanum

खूनी या बादी बवासीर, बैंगनी रंग के तथा जलन भरे बवासीर के मस्से । मलत्याग करते समय मूत्राधार की मुखशायी ग्रन्थि से रुधिर गिरना । मलद्वार से जननेन्द्रिय तक मन्द-मन्द टपकन की भांति का दर्द । जरायु वाले स्थान पर पीले रंग का प्रदर का स्राव, पिछली कमर त्रिक की हड्डी के संधिस्थल पर सुन्नपन की अनुभूति ।

गर्भावस्था में जरायु की स्थान-च्युति की दशा में प्रदर(ल्यूकोरिया) का रोग । चलते समय रोगिणी का बैठ जाना ।

नई सर्दी में बहुत पतला पानी जैसा और जलन पैदा करने वाला स्राव
होता है । इसकी विशेषता यह है कि नाक से ठण्डी हवा का साँस के साथ अन्दर जाना सहन ही नहीं हो पाता । नाक के अन्दर दुखन और कच्चेपन की अनुभूति होती है । गले तथा नये और पुराने गल-कोष-प्रदाह में भी दुखन और कच्चापन पाया जाता है और इस दशा में यह बहुत गुणकारी औषधि है ।

विशेष- बाहरी प्रयोग हेतु बवासीर में लगाने के लिये इसका मलहम भी बनता है ।

शक्ति- मूल अर्क से 3x, 6x ,30, 200 तक

FAQ

प्रश्न :- बवासीर व भगन्दर की सबसे अच्छी होमियोपैथी दवा कौन सी है ?
उत्तर :- एस्कुलस हिप्प मदर टिन्चर , खूनी बवासीर में Hamamelis Virginica , और Aloe Socotrina मुख्य दवाएं है ।

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