April 28, 2024

कैमोमिला (Chamomilla) होम्योपैथिक दवा का उपयोग और उसके फ़ायदे

Chamomilla

 कैमोमिला एक बहुत ही असरदार दवा है जो मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र के सभी रोगों को ठीक कर देती है,

इसके अलावा कैमोमिला छोटे बच्चों की आंतो के रोगों और पेट के रोगों और दस्त को ठीक करने में भी सहायक है, इसके अलावा यह स्त्री रोगों जैसे कि निप्पल में सूजन, पेट में मरोड़ उठना को भी ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा इस दवा के सेवन से सभी तरह का दर्द बन्द हो जाता है। यह दवा कैमोमिला के अर्क और इथेनॉल को मिलाने से बनती है।

कैमोमिला (Chamomilla) होम्योपैथिक दवा के फ़ायदे

Chamomilla

  1. कैमोमिला के सेवन से बैचैनी में आराम मिलता है, क्योंकि यह दवा दिमाग और दिल पर पड़ रहे दवाब को कम कर देती है।
  2. कैमोमिला के सेवन से दाँत के दर्द और मसूड़ो के दर्द में राहत मिलती है।
  3. कैमोमिला के सेवन से दस्त में राहत मिलती है।
  4. कैमोमिला के सेवन से साँस की सभी बीमारियाँ खत्म हो जाती है जैसे कि खाँसी और सीने के दर्द में आराम मिलता है।
  5. कैमोमिला के सेवन से सूखे गले में राहत मिलती है।

विभिन्न रोगों के उपचार में कैमोमिला का उपयोग

  1. मन के रोगों के उपचार में कैमोमिला का प्रयोग

कैमोमिला सभी तरह के मन के रोगों को ठीक करने में एक कारगर होम्योपैथिक औषधि है, अगर किसी रोगी को हमेशा बैचैनी सी बनी रहती है, या फिर रोगी चिड़चिड़ा बना रहता है, या फिर वह हमेशा गुस्सा में बना रहता है, या फिर वह शोर को सुनकर विचलित हो जाता है, या फिर रोगी अचानक से ही हिंसक हो जाता है, या फिर रोगी हमेशा ही अहम में बना रहता है कि उससे बड़ा कोई नही है, या फिर रोगी को कोई सलाह दे दे तो वह इसे अपना अपमान समझता है। या फिर रोगी नींद में सोते हुए ही रोने लगता है, या फिर रोगी को तेज हवा से डर लगता है तो रोगी को देर न करते हुए कैमोमिला की खुराक देनी चाहिए।

  1. बच्चों के रोगों के उपचार में कैमोमिला का उपयोग

कैमोमिला सभी तरह के छोटे बच्चों के रोगों को ठीक करने में कारगर है, अगर कोई बच्चा चिड़चिड़ा रहता है, या फिर बच्चा उदास बना रहता है, या बच्चा कुछ खा नहीं रहा है तो उसे कैमोमिला की खुराक देनी चाहिए।

  1. सामान्य रोगों के उपचार में कैमोमिला का उपयोग

कैमोमिला के सेवन से आम और सामान्य रोग जड़ से ठीक हो जाते है, अगर किसी रोगी को गर्मी ज्यादा लगती हो, या फिर उस रोगी को नशा करने की आदत हो, या फिर रोगी के हाथ और पैरो में ऐंठन हो जाती हो तो उस रोगी को कैमोमिला का सेवन करवाना चाहिए।

  1. पेट के रोगों के उपचार में कैमोमिला का उपयोग

कैमोमिला सभी तरह के पेट के रोगों को ठीक करने में कारगर है, अगर किसी रोगी के पेट में दर्द रहता है, या फिर पेट में दर्द के साथ मरोड़ भी उठती है, या फिर रोगी को दस्त लग गए हो, या फिर रोगी को भूख लगना बन्द हो गयी है, या फिर रोगी हद से ज्यादा खाना खा रहा है, या फिर कुछ खाने के बाद रोगी का पेट फूलने लगता है, या फिर रोगी को चाय या कॉफी की तलब लग रही हो तो उस रोगी को कैमोमिला की खुराक देनी चाहिए।

  1. सिर के रोगों के उपचार में कैमोमिला का उपयोग

अगर रोगी के सिर में तेज दर्द रहता है, है फिर रोगी के आधे सिर में दर्द रहता है, या फिर रोगी को सिर में तेज दर्द के साथ चक्कर भी आने लगते है, या फिर दिन के समय सिरदर्द बढ़ जाता है तो उस रोगी को कैमोमिला का सेवन करवाना चाहिए।

  1. 6. नेत्र रोगों के उपचार में भी कैमोमिला का उपयोग किया जाता है, इसके अलावा कान, मुँह, नाक, के रोगों के उपचार में भी कैमोमिला का सेवन किया जाता है। इसके अलावा खाँसी, त्वचा रोग, स्त्री रोगो के उपचार में भी कैमोमिला का उपयोग किया जाता है।

कैमोमिला का सेवन कैसे किया जा सकता है ?

कैमोमिला एक दर्दनिवारक दवा होने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को राहत देने वाली भी दवा है, इसीलिए कभी भी कैमोमिला का सेवन खुद की मर्जी से और अधिक नहीं करना चाहिए, कैमोमिला की 5 बूँद आधा ग्लास पानी में मिलाकर दिन में 4 बार पीनी चाहिए, लेकिन बिना चिकित्सक के सलाह के कैमोमिला का सेवन नहीं करना चाहिए।

Note : केमोमिला को 200 या 30 पावर मैं ऊपयोग किया जाता है

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