April 6, 2024

बर्बेरिस एक्विफोलियम ( Berberis aquifolium)

berberis aquifolium

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बर्बेरिस एक्विफोलियम Berberis aquifolium दवा की पूरी जानकारी

आज हम आपको इस आर्टिकल में Berberis Aquifolium Homeopathic दवा के बारे में बताएंगे।

Berberis Aquifolium एक प्लांट किंग्डम की दवा है जिसका दूसरा नाम mountain grapes भी है। इस दवा को हम blood purifier भी कह सकते हैं क्योंकि यह हमारे ब्लड को साफ करने में भी काम आती है। यह दवा melanin pigmentation को कम करके हमारे चेहरे को गोरा बनाती है और साथ में हमारी स्किन पर ग्लो भी लाती है। और दिन प्रतिदिन Berberis Aquifolium से हमारे चेहरे पर अलग प्रकार की चमक आती है। वैसे तो  Berberis Aquifolium दवा का मुख्य रूप से चेहरे के रोग में प्रयोग किया जाता है इसके साथ ही मनुष्य के शरीर में दुर्बलता तथा आलस्य को दूर करने में भी सहायता करता है।

यह दवा मनुष्य के लिए काफी लाभदायक है। और हमारे भारत के कई Specialist Doctor इस दवा की सेवन करने की सलाह देते हैं। यह दवाई Homeopathic की दवाइयों में से एक मात्र ऐसा दवाई है जो कि इस बीमारी को दूर करने में सर्वोत्तम माना गया है। इस दवा को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किया गया है। इस दवा का हमारे देश में काफी अच्छा लोगों के द्वारा रिस्पॉन्स रहा है।

 

वैसे तो यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली दवा है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि हर  रोगी और उनका मामला अलग अलग हो सकता है। इसीलिए रोग, दवाई देने के तरीके तथा रोगी की आयु रोगी की चिकित्सा इतिहास के साथ अन्य कारकों के आधार पर Berberis aquifolium एक अलग भी हो सकती है। इसलिए इस दवाई का उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर ले लेना चाहिए।

 

यह दवा आपको खुजली से भी राहत देती है। लेकिन इसका सेवन आपको नियमित रूप से करना पड़ेगा। हम आपको बता दे की कोई Specialist Doctor’s के द्वारा ज्यादातर इस बीमारी में इसी दवाई को उपयोग करने की डॉक्टर सलाह देते हैं।

 

आइए अब हम आपको इसके लक्षण,उपयोग,तुलना एवं मात्रा के बारे में बताते हैं

 

 सिर से संबंधित  लक्षण 

जिस व्यक्ति का पित के कारण सिर में दर्द रहता है या फिर सिर में  है और साथ में  किसी भी तरह के फोड़े फुंसियां हैं या फिर कानों के ऊपर रस्सी बांधने जैसा अगर आपको महसूस होता है तो आपको इस दवा का सेवन करने से आपकी यह बीमारी दूर हो सकती है।

 

चेहरे से संबंधित लक्षण

अगर आपका चेहरा सावला है गर्मी के कारण या धूप के कारण आपका चेहरा काला हो गया हो स्तनों पर फुंसियों उत्पन्न होने का दर्द या फिर तेज खुजली का हो ना यह सभी इन बीमारियों के लक्षण है। अगर जीआपके चेहरे पर किसी प्रकार के फोड़े या फुंसियां हो जाए तो यह दवा आपके बहुत ही काम आएगी।

अगर आपके चेहरे पर ज्यादा रूखापन या फिर आपका चेहरा पापड़ी जैसा हो जाए तो यह दवा आपके लिए बेहतर रहेगी।

 

जीभ से संबंधित लक्षण

अगर आपके जीभ पर पीला रंग पड़ गया है या फिर आपकी जीभ सफेद हो गई है तो आप इस दवा के माध्यम से अपने जीभ को ठीक कर सकते हैं।

 

पित्त बढ़ने का लक्षण

आपके पित बढ़ जाने के कारण अगर आपके सिर में दर्द हो या फिर आपके पूरे शरीर में दर्द हो तो ये दवा आपके लिए बेहतर साबित होगी।

अगर आपके शरीर में पित्त बहुत बनता है और मुंह से खट्टापन या फिर आपको खाना खाने में कोई दिक्कत आती है। तो इस homeopathic दवाई के माध्यम से आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

 

मवाद के लक्षण

अगर आपके Pimples से मेवाद आता है या फिर उसमें से खून निकलता है वैसे तो आमतौर पर सभी को पिंपल्स निकलते हैं। लेकिन इस पिंपल में मेवाद आता है। इसके लिए आपको यह होम्योपैथिक दवाई का उपयोग करना सही मायने में बेहतर रहेगा।

 

मल मूत्र से संबंधित लक्षण

अगर आपके पेशाब करते समय गाढ़ा श्लेष्मा, चमकदार लाल रंग का तलछट या फिर सुई चुभने जैसा कुछ लगता है तो इस तरह के मूत्र  रोग बीमारी के लिए Berberis aquifolium दवा का उपयोग करना चाहिए। इस दवाई के उपयोग से आपकी यह बीमारी पूरी तरह से खत्म हो सकती है।

 

पैरों में दर्द के लक्षण

अगर आपके पैरों में दर्द रहता है या फिर आपके पैर में ऐंठन या फिर कमजोरी जैसा कुछ  होता है। तो आपको इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आपके लिए सबसे अच्छा और लाभदायक होम्योपैथिक दवाई Berberis aquifolium ही है।

 

उपयोग

आइए अब हम आपको इसके उपयोग के बारे में बताते है। अगर हमारे चेहरे या शरीर पर कोई छोटा या बड़ा पिंपल्स हो तो  यह दवा बहुत अच्छा काम करती हैं। इस दवा को हम चेहरे पर लगा सकते हैं और इसके साथ-साथ उसे पी भी  सकते हैं। आपको इस दवा को पीना है तो इसका 20 बूंद को आधे कम पानी में मिलाकर दिन में तीन बार पीना चाहिए। और दिन में तीन बार 20 बूंद थोड़े से  गुलाब जल में मिलाकर लगाना चाहिए। अगर आपको इस दवा को चेहरे पर लगाना है तो Berberis Aquifolium Mother Tincture का उपयोग करना पड़ेगा।

 

अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स है तो इस दवा को लगातार दो महीने तक चेहरे पर लगाएं या पिए। इस दवा का उपयोग हमारे बताए गए नियमों के अनुसार अगर आप करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा। इस दवा का सेवन करने से आपका चेहरा बिल्कुल साफ हो जाएगा और साथ-साथ ग्लो करने लगेगा। अगर आप इस दवा का 6 महीने तक लगातार उपयोग करते हैं तो आपका चेहरा फेयर हो जाएगा। इस दवा का उपयोग तब करना है जब आप को बताया गया लक्षण में से कोई बीमारी हो।

 

 

अगर आपको पित और गैस की समस्या है तो Berberis  aquifolium की मात्रा 10 बूंद और इसके साथ साथ चेलिडोनियम के 10 बूंद को  आधा कप पानी में मिलाकर दिन में तीन बार इसका सेवन करना होगा। इस सेवन को करने से आपकी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। लेकिन आपको इस दवा का सेवन लगातार दो महीने तक करना। तब ही आप की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।

 

स्त्री रोग में दवा का उपयोग

यदि हमारे बताए गए सभी लक्षणों के साथ किसी महिला को मासिक स्राव के समय  जब कभी पेट में दर्द हो तो (Dysmenorrhoea) और साथ में रज श्राव Leucorrhoea नाम की अगर शिकायत हो तो Berbaqui के साथ Caulophylum-Q नाम की दवा मिलाकर 14 या 18 बूंद लेना चाहिए। इसे पुराने दाग के साथ सभी प्रकार की समस्या 14 से 10 दिनों में समाप्त हो जाएगी और उनके चेहरे पर भी अलग प्रकार के निखार आ जाएगी।

 

तुलना

Berberis aquifolium homeopathic दवा की तुलना Acid Carb, Hydrastis can,  से की जा सकती है।

 

मात्रा (Dose)

Berberis aquifolium को मूलार्क (Mother Tincture) के रूप में दिया जाता है । लेकिन इसका उपयोग मनुष्य के रोग के अनुसार ही करना चाहिए।अगर हम इस दवा का उपयोग रोग के अनुसार अधिक करते हैं तो इससे हमें हानि भी हो सकती हैं। इसलिए इस दवा का उपयोग रोग के अनुसार ही करें। इस दवा की 20 , 20 बूंदे दिन में 3 बार आधे कप ताजा पानी मे मिलाकर ली जाती है । साथ ही इस दवा को चेहरे पर भी लगा सकते है ।

 

साइड इफेक्ट  Side Effects

यह दवा पूरी तरह से नेचुरल है। वैसे हम आपको बता दें कि इस दवा का किसी भी तरह का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। आप इस दवा का किसी भी तरह से अपने स्किन पर उपयोग कर सकते हैं और इस दवा का लाभ उठा सकते हैं लेकिन आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि इस दवा का उपयोग आपको पूरे दिन में मात्र 3 बार ही करना है। वह चाहे खाने के रूप में हो या फिर लगाने के। इसका सेवन करने से आप की बीमारी एक या दो  महीने  में पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। अगर आप ज्यादा धूल मिट्टी या फिर गंदगी वाले जगह पर जाते हैं तो आपको  अपने चेहरे का अच्छी तरह से ख्याल रखना होगा।

 

इसके परहेज क्या क्या है?

इसका परहेज यह है कि आप कोई भी क्रीम या पाउडर अपने Face पर लगाने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले ले अथवा उसकी expiry date का भी ध्यान रखें। ताकि वह क्रीम या पाउडर आपके चेहरे पर किसी तरह का नुकसान ना पहुंचा सके। इसके साथ साथ आप खाने में अच्छे प्रोटीन का भी ख्याल रखें। क्योंकि अच्छा प्रोटीन मिलने से भी यह Skin Problem कम उत्पन्न होती है। आपको इसके साथ अपने आसपास में साफ सफाई रखना भी बहुत जरूरी है ताकि आपको किसी प्रकार का इन्फेक्शन ना हो।

 

आपको इस बात का ज्यादा ख्याल रखना होगा कि आप ज्यादा धूप में घर से बाहर ना निकले। ऊपर बताए गए सभी बीमारियों के अगर लक्षण आपके पास है तो आप इन सभी परहेजों का अच्छी तरह से ध्यान रखे। ताकि आपको अन्य प्रकार की बीमारियों  का सामना ना करना पड़े। और आप सुरक्षित रहे।

 

लोगो द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्न: FAQs

 

प्रशन 1. क्या इसका कोई side effect भी होता है?

उतर. जी नहीं इस दवाई का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।

 

प्रशन 3. Berberis aquifolium का उपयोग कैसे करें?

उतर.  इसका  उपयोग 20 बूंद आधा कप पानी में दिन में तीन बार करना चाहिए।

 

प्रशन 4. मेरी बीमारी मुंहासे और शुष्क त्वचा की है क्या मैं बर्बेरिस एक्वीफोलियम दवा का उपयोग कर सकता हूं?

उतर. जी हां आप इस दवा का उपयोग कर सकते हैं आपको इस दवा का उपयोग खाने से पहले डेढ़ कब पानी में BERBERIS AQUIFOLIUM की 20 बूंदे डालकर करनी है।

 

प्रशन 5. क्या हम अपनी त्वचा को एकदम स्वस्थ बना कर रख सकते हैं?

उतर. जी हां आप इस दवा के माध्यम से अपनी त्वचा को बिल्कुल स्वस्थ रख सकते हैं।

 

प्रश्न 6. बर्बेरिस एक्वा को किस किस फॉर्म में use कर सकते है ?

उत्तर . इस दवा को लिकविड, (मदर टिंचर ) क्रीम, आदि के रूप में प्रयोग कर सकते है ।

 

प्रश्न :- टोपी बर्बेरिस क्रीम के फ़ायदे क्या क्या है ?

उत्तर :- कील , मुँहासे, झाइयों आदि चेहरे से संबंधित रोगों में ये दवा बहुत लाभदायक है

 

 

ALL HOMEOPATHIC MEDICINE LIST
Apis Mellifica    Anacardium orientale Caulophyllum
Echinacea angustifolia
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Aconite Napellus Berberis Vulgaris Cimicifuga Ferrum phosp
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Aswagandha Borax Coffea Graphites
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Asafoetida  Bryonia Colocynthis Hepar sulph
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Aspidosperma Calcarea carbonica Ignatia Kali carbonicum
Actaea racemosa Calendula Ipecac Kali phosphoricum
Allium cepa Camphora Iris versicolor Kalmia latifolia
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Aloe Carbo vegetabilis Dulcamara Lachesis

 

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