April 27, 2024

बर्बेरिस वल्गेरिस®【Berberis Vulgaris】 मदर टिंचर Q

homeopathic medicine berberis vulgaris

बर्बेरिस वल्गेरिस (Berberis Vulgaris) मदर टिंचर का निर्माण-  यूरोप के एक प्रकार के वृक्ष की जड़ की छाल से इसका टिक्चर
तैयार होता है ।

बर्बेरिस वल्गेरिस (Berberis Vulgaris Mother Tincture) का मुख्य प्रयोग-

यह औषधि मुख्य रूप से मूत्र-तंत्र (UTI) व गुर्दे पर प्रभावी है । रोग- लक्षणों का बदलना, रोग का स्थान बदलना, कभी प्यास-कभी बिल्कुल प्यास न हो- इस प्रकार अदल-बदलकर लक्षण उत्पन्न होते हैं ।

homeopathic medicine berberis vulgaris
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कभी भूख-कभी भूख का अभाव, पेड़ में रक्त-संचय और बवासीर का रोग गृर्दे के समीप दर्द अधिक हो । इससे पथरी रोग और मूत्राशय की जुकामी दशा में लाभ होता है । मूत्र का लक्षण ही इसका प्रमुख लक्षण है । मूत्र-त्याग के बाद मूत्र की कुछ बूंदे रह जाने का अनुभव होना, मूत्र में जलन, गाढ़ा-श्लेष्मायुक्त मूत्र होना, लाल रंग की मैदा की तली का मूत्र में नीचे जमना, गुर्दे में दर्द, मूत्र त्यागते समय कमर में और जाँघों में दर्द, बार-बार मूत्र का वेग होना। पेशाब न करते समय भी मूत्र-नली में जलन होना आदि लक्षणों में इस दवा के प्रयोग से बहुत लाभ होता है ।

यकृत और मूत्रतन्त्र के विकार में पंजरे के नीचे दर्द होना, यकृत में दर्द होना तथा पित्त-पथरी के साथ उदर-शूल के लक्षणों में मूल अर्क (Mother Tinture) की 10-15 बूंद की मात्रा में गुनगुने पानी में मिलाकर प्रतिदिन 3-4 बार दें ।

गुर्दे की पथरी निकलते समय रोगी को असहनीय पीड़ा हो और अन्य दवाओं के प्रयोग से उसमें कोई लाभ न हो तब बर्बेरिस वुल्गैरिस Q की 10-15 बूँद हर 15- 20 मिनट बाद दें- इस प्रकार कुछ मात्रायें देने से दर्द तुरन्त शान्त हो जायेगा। यकृत में रक्तसंचय के साथ मूत्रनली, जाँघ, कमर और पुट्ठे में दर्द होने की दशा में यह दवा लाभप्रद है ।

पित्त-पथरी के कारण होने वाले हरितपाण्डु रोग में इसके मदरटिंक्चर की 15-15 बूंद प्रतिदिन 3 बार देना लाभकारी है ।

मूत्रनली से पथरी निकलते समय होने वाली तीव्र पीड़ा में कमर और तलपेट पर गरम जल की सेंक करनी चाहिये और बर्बेरिस वल्गेरिस
(Berberis Vulgaris) मदर टिंचर Q की 5 बूंद 15-15 मिनट के अन्तर से देनी चाहिये। 8-10 मात्रायें लेने पर भी यदि लाभ न हो तो इसी औषधि की 6 शक्ति का व्यवहार करना चाहिये- इससे शीघ्र ही लाभ हो जायेगा । मूत्रनली में दर्द और मूत्र में पहले सफेद और वाद में लाल मांडू की तरह तली जमने पर इसके मूल अर्क को 1-1 घंटे के अंतर से देना चाहिये इस प्रकार देने से शीघ्र ही लाभ हो जायेगा ।

सदृश औषधियाँ (Similar Medicine) – पथरी रोग में-लाइकोपोडियम, कैम्फर, सार्सापेरिला और मैन्था पिपरिटा ।

क्रियानाशक औषधियाँ-बेलाडोना, कैम्फर ।

FAQ

प्रश्न :- गुर्दे व पित्ताशय की पथरी में कौन सी दवा लेनी चाहिए ?

उत्तर :- दोनो प्रकार की पथरी में बर्बेरिस वुल्गैरिस दवा का उपयोग बहुत लाभदायक होता है । साथ मे आप Hydrangea Q , sarsaparilla Q, Cantharis Q ले सकते हो , अगर ये सभी दवाएं एकसाथ लेनी हो तो आप oddo पत्थरचट्टा फोर्ट का use कर सकते है ।

प्रश्न :- पथरी (Stones) में क्या परहेज रखे ?

उत्तर :- पथरी में बीज वाले खाद्य पदार्थ जैसे टमाटर, अमरूद, अंगूर , तथा ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अख़रोट, काजू , मूंगफली आदि का सेवन नही करना चाहिए ! नारियल पानी या अन्य प्रकार के जूस पथरी में लाभकारी होते है ।

प्रश्न :- क्या होम्योपैथिक दवा बर्बेरिस बुल्गेरिया के कोई साइड इफेक्ट्स है ? प्रेग्नेंट लेडी क्या ये दवा ले सकती है ?

उत्तर :- ज्यादातर होम्योपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स नही होते और ना ही इस दवा के है । परंतु फिर भी कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नही लेना चाहिए खासतौर पर जब महिला प्रेग्नेंट हो ।

प्रश्न :- किस कंपनी की दवा ज्यादा अच्छी होती है ?

उत्तर :- भारतीय कंपनी में SBL , Bakson, Oddo, Lords, Bhargava , आदि अच्छी कंपनियां है जबकि जर्मनी की डॉ रेकेवेग, adel , wsi

प्रश्न :- क्या बैबेरिस वुल्गैरिस मदर टिंचर से पथरी के दर्द में फायदा मिलता है ?

उत्तर :- जी हाँ

प्रश्न :- SBL Berberis Vulgaris Mother tincture की कितनी मात्रा ओर कैसे ले ?

उत्तर :- इस दवा की 15 से 20 बूंदे आधे कप ताजा पानी के साथ दिन में 3 बार अथवा डॉक्टर के परामर्श अनुसार ले ।

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