May 2, 2024

अर्निका मोन्टाना होम्योपैथिक दवा के 26 महत्वपूर्ण तथ्य (26 important point of Arnica Montana Homoeopathic Medicine)

arnica montana

 अर्निका मोन्टाना दवा की सम्पूर्ण जानकारी

All about Arnica Medicine

दोस्तों, बालो की समस्या हो या चोट लगने से उत्पन्न परेशानी । अर्निका दवा लगभग हर मर्ज में काम आती है । ये दवा एक प्रकार के फूल से बनाई जाती है जोकि सुरजमुखी की तरह दिखता है ,  आप इसको sunflower family  का ही हिस्सा मान सकते हो ।

arnica montana homeopathic medicine

इसको  हम wolf’s bane, leopard’s bane, mountain tobacco or mountain arnica आदि नामो से भी जानते है ।

◆ अर्निका दवा का चोट पर प्रभाव

दोस्तों, आर्निका मोन्टाना औषधि मुख्यतः चोट लगने के कारण उत्पन्न होने वाले कारणों को दूर करने में बहुत ही कारगर औषधि मानी जाती  है । यह  कई वर्षो पुरानी  चोट को भी आसानी से ठीक कर सकती है।

यह औषधि रोगी की ऐसी अवस्था को ठीक करता है, जिसके कारण रोगी घायल होता है, गिरने की वजह से घाव होने, गुम चोट लगने या किसी भी तरह से घायल होने के कारण उत्पन्न घाव । इन सभी लक्षणों के साथ रोगी के कानों के अन्दर भिनभिनाहट की आवाज होती है। यदि किसी कारण से  पीब बनती है यो । तो यह घाव में पीब बनने से रोकता है।तथा उसे जल्दी से ठीक कर देता है, ऐसे घाव  के कारण रोगी का चेहरा भी लाल  हो जाता है तथा चेहरे पर गर्मी महसूस होती है।

आइये अब हम आपको इस औषधि के कुछ अन्य महत्वपूर्ण लक्षणों के बारे में बताते है ।

होमियोपैथी दवा अर्निका मोन्टाना के महत्वपूर्ण लक्षण

अर्निका का मस्तिष्क पर प्रभाव

मस्तिष्क में किसी भी तरह से रक्त (blood)जमा होने के कारण उत्पन्न रोग, शरीर में दूषित खून जमा होने के कारण उत्पन्न रोग, हृदय में पानी भर जाने के कारण, सांस लेने में परेशानी होना, किसी रोग के कारण उत्पन्न पेशियों में चोट या घाव, अधिक शोक करने के कारण उत्पन्न रोग,  । इस प्रकार के चोट की अवस्था में शरीर के कई अंगों में दर्द होता होता है। रोगी को ऐसा महसूस होता है। जैसे उसकी पिटाई हुई है। उसे ऐसा लगता है कि जोड़ों में मोच आ गई हो। इस प्रकार के सभी लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए आर्निका मांटेना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

आर्निका मांटेना औषधि का खून पर प्रभावी क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप शरीर की शिरा-जाल (vain system) भी प्रभावित होता है।

होम्योपैथिक दवा अर्निका मोन्टाना की उपयोगिता

 Importance of homeopathic remedy Arnica Montana

होम्योपैथिक दवा आर्निका मोन्टाना  औषधि,  रोगी की उस अवस्था में बहुत ही  उपयोगी है! जब शरीर में कुचलन जैसी अवस्था उत्पन्न हो जाती है! तथा चोट वाले स्थान पर स्पर्श (छूना) सहन नहीं होता, बिस्तर अधिक कठोर लगता है और इन लक्षणों के साथ-साथ रोगी का सिर तथा चेहरा दोनों गर्म हो जाते हैं लेकिन शरीर के अन्य अंग ठण्डे रहते हैं।

किसी भी प्रकार से चोट लग जाने से अंग पर काला  दाग उभर आता है!तो इसको ठीक करने के लिए आर्निका मांटेना औषधि का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है।

रोगी के मानसिक लक्षण

रोगी चिड़चिड़ा तथा क्रोधी स्वभाव का हो जाता है, रोगी चाहता है कि उसे कोई भी न छेड़े,वह चुप चाप अकेला पड़ा रहता है।तथा वह चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है, बेचैनी होने लगती है, मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है, चुपचाप रहने का मन करता है, रोगी अपनी परेशानी को किसी भी व्यक्ति से बताना नहीं चाहता। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मांटेना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

आर्निका मोन्टाना औषधि के  अन्य लक्षण 

(Arnica Montana drug is useful in curing the disease of patients with the following symptoms)

दिमाग के लक्षण( Symptoms of brain):-

यदि रोगी को किसी प्रकार से चोट लग जाने से घाव हो जाता है! तथा उसके साथ रोगी का मन उदास रहता हो,या किसी अन्य प्रकार का रोग हो गया हो, अकेला रहने का मन  करता हो , रोगी नहीं चाहता हो, कि कोई व्यक्ति उसके पास आए और उससे कुछ कहे, तथा रोगी का स्वभाव चिड़चिडा़ हो जाता है, जरा सी बात पर डर जाता है, अनेक प्रकार की कल्पनायें करता है, वह सोचता है,कि उसे कोई कठिन बीमारी हो गई है, हृदय रोग हो गया है। रोगी जब रात के समय सोता है, तो उसे डरावने सपने आने लगते हैं, चोर, डाकू, कीचड़, बिजली की चमक आदि के सपने देखता है। रोगी को सोते समय दिल में एक प्रकार की ऐसी परेशानी महसूस होती है कि मानो मृत्यु हो गई हो, मगर दिन के समय में इस प्रकार की परेशानी उसे कभी  नहीं होती है, जिसको रेल या मोटर गाड़ी पर किसी प्रकार की दुर्घटना हुई हो, अक्सर नींद में इस प्रकार की तकलीफ़ होती है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का प्रयोग करना चाहिए

जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। इन लक्षणों के साथ ही रोगी का सारा शरीर और हाथ-पांव ठण्डे रहते हैं लेकिन सिर गर्म रहता है।

अर्निका मोन्टाना शरीर के बाहरी आंगों से सम्बन्धित लक्षण( Symptoms related to external organs of the body) :-

रोगी के शरीर के कई भागों में इस तरह का दर्द होता है मानो किसी स्थान से गिरने से चोट लगने के कारण सारा शरीर कुचल गया है या किसी ने शरीर को कूट-कूटकर पीटा है, जब दर्द वाले भाग को छूते हैं तो और भी तेज दर्द महसूस होता है। शरीर के किसी स्थान पर चोट लगने या उस स्थान पर स्याही की

तरह दाग पड़ जाने, गिरकर या चोट लगकर हड्डी या जोड़ के उखड़ या टूट जाने पर आर्निका मांटेना औषधि का प्रयोग करने से सूजन और दर्द जल्दी ठीक हो जाता है। किसी भारी चीज के उठाने या ऊंचे स्थान से किसी चीज़ को उतारने में यदि पुट्टों में मरोड़ या मोच आ गई हो तो आर्निका औषधि उस दर्द को जल्दी ही ठीक कर देता है।

आंखों से सम्बन्धित लक्षण ( Eye symptoms)-

आंखों पर लकवा का प्रभाव पड़ता है तथा जब रोगी बारीक काम करता है तो उसके बाद उसकी आंखों में कुचलन और दर्द होता है, रोगी आंखों को खोलकर रखता है, उन्हें बंद करते ही चक्कर आने लगते हैं। रोगी को कमजोरी तथा थकान महसूस होती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मांटेना औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

कान से सम्बन्धित (Ear related) :-

रोगी के सिर की ओर रक्त का तेज बहाव होने के कारण कान के अन्दर तथा उसके आस-पास की त्वचा में दर्द होना, कभी-कभी कानों से खून का  बहना ,यदि किसी व्यक्ति के कान पर गुम चोट लग गई हो तथा इसके बाद उसे कम सुनाई देता हो, कान के उपास्थियों में दर्द हो रहा हो और ऐसा महसूस हो रहा हो जैसे कान कुचला हुआ है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।

मुंह से सम्बन्धित ( Related to mouth):-

रोगी के मुंह से बदबू आना, मुंह में सुखापन महसूस होना, तथा प्यास का अधिक लगना ,जीभ का स्वाद कड़वा हो जाना, दांत को उखड़वाने के बाद मसूड़ों में दर्द का होना,इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग किया जाता है!

चेहरे से सम्बन्धित ( Face related):-

चेहरा का अन्दर की ओर धंस जाना, चेहरा लाल तथा होंठ का गर्म हो जाना, चेहरे पर फोड़े-फुंसियां ,इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के  को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना उपयोगी होता है।

आमाशय से सम्बन्धित ( Gastric related):-

रोगी जब दूध और मांस का सेवन करता है तो उसे इसको स्वाद फीका लगना, भूख का तेज लगना, खून की उल्टियां होना,जब रोगी खाना खाता है तो उसके आमाशय में दर्द होता है, पेट भरा हुआ महसूस होता हैं, तथा भोजन से घृणा होना, सांस लेने में परेशानी , आमाशय में भारीपन महसूस होना,  ऐसा प्रतीत होना कि आमाशय रीढ़ की हड्डी से टकरा रही है, उल्टियां आना, तथा उसमें से बदबू का आना , इस प्रकार के लक्षणों में से  कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है! तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का प्रयोग करना होता है।

पेट से सम्बन्धित ( Stomach related):-

रोगी के पेट में  दर्द होना, पेट फूल जाना, मलद्वार से बदबूदार हवा का निकलना , कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि पेट में किसी ने चाकू घोप दिया है! जिसके कारण दर्द हो रहा है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोगी के रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

मल- मूत्र से सम्बन्धित लक्षण( Symptoms related to stool urine):-

रोगी को दस्त होना, तथा पेट में ऐंठन होना, मल से गंदी बदबू का आना, कभी-कभी रोगी के मल से खून तथा पीब जैसा पदार्थ का निकलना,पेचिश रोग होने के साथ पेशियों में दर्द होना,  अत्यधिक परिश्रम करने के बाद रोगी का पेशाब का आना रुक जाना, तथा पेशाब का रंग ईट जैसा लाल  हो जाना, मूत्राशय में ऐंठन महसूस होना, इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण (Symptoms related to gynecology):-

जब रोगी स्त्री बच्चे को जन्म देती है  उसके बाद शरीर के कई अंगों में कुचलन जैसा दर्द होना ,रोगी स्त्री को सम्भोग करने के बाद बच्चेदानी से खून बहने का बहना,  चोट लगने के फलस्वरूप स्तन में जलन का होना ,रोगी स्त्री को ऐसा महसूस होना , कि उसका शिशु जो बच्चेदानी में है वह उल्टा-सीधा लेटा हुआ है।

इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी स्त्री को हो गया है,तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

वात और गठिया से सम्बन्धित(Related to Vata and Arthritis): –

यदि किसी व्यक्ति को वात तथा गठिया का रोग हो जाए, और ऐसा महसूस  हो ,कि रोग ग्रस्त स्थान पर कुचलन जैसा दर्द का होना एवं दर्द होने के कारण डर से किसी भी चीज को छूने का मन नहीं करना, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

पीब वाले घाव से सम्बन्धित( Related to exudate wound):-

यदि किसी रोगी को घाव हो गया हो और उस घाव में मवाद बन गया हो, तो उसके इस घाव को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

टाइफाइड और टाइफोमलेरिया से संबंधित(  Related to typhoid and typhomalaria):-

आर्निका मोन्टाना औषधि का खून पर अधिक प्रभाव होता है जिसके कारण यह टाइफायड और टाइफोमलेरिया रोग को ठीक कर देता है। टाइफायड ज्वर से पीड़ित रोगी बेहोश पड़ा रहता है या बेहोशी में बड़बड़ाता हो,रोगी के शरीर में दर्द होने लगता हो, और दर्द ऐसा महसूस हो, कि जैसे दर्द वाला स्थान किसी चीज से कुचल गया हो, रोगी को बिस्तर बहुत सख्त महसूस होता हो, सिर शरीर की अपेक्षा अधिक गर्म रहता हो, मल के साथ खून का अधिक आना, कूल्हे पर घाव होने लगता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोगी के रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।

अजीर्ण रोग से सम्बन्धित लक्षण(Indigestion-related symptoms):-

अजीर्ण रोग को ठीक करने में भी आर्निका मोन्टाना औषधि का  प्रभाव देखने को मिलता है, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी को डकारो का आना, तथा डकार के साथ सड़े हुए अण्डे जैसी डकारें का आना , बदबूदार हवा मलद्वार से बाहर निकलना,

कुकर खांसी से सम्बन्धित(Related to cooker cough):-

यह औषधि कुकर खांसी को ठीक करने में भी उपयोगी है, रोगी को कुकर खांसी होने के साथ-साथ और भी लक्षण होते हैं जैसे- खांसी आने से पहले ही बच्चा रोने लगता हो, खांसी आने पर डर का लगना, रोगी को ऐसा महसूस होना,कि खांसी की झोक से सीने को फिर से चोट पहुंचेगी।इन सभी बीमारी में आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग किया जाता है,

हड्डी के दर्द से सम्बन्धित( Related to bone pain):-

आर्निका मोन्टाना औषधि हड्डी के दर्द को ठीक करने में भी उपयोगी हैं!, लेकिन रोगी को हड्डी में दर्द रहने के साथ-साथ और भी लक्षण होने चाहिए ,जैसे:– रोगी के हडि्डयों में दर्द  का होना, दर्द ऐसा महसूस हो, कि जैसे कि दर्द वाला भाग कुचला हुआ हो, दर्द वाले भाग में स्पर्श करने से और भी तेज दर्द होता है। इसमे आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग किया जाता है,

ज्वर से सम्बन्धित( Related to fever):-

यदि किसी व्यक्ति को बुखार हो गया हो,और इसके साथ ही शरीर के कई भागों में दर्द हो रहा हो, तथा उसका पेशाब भी रुक गया हो,तो ऐसे रोग के रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

ठण्ड से सम्बन्धित(Related to cold):-

रोगी को ठण्ड का लगना,बुखार हो जाना, बुखार की तेजी बर्दाश्त नहीं होना, तथा इसके साथ प्यास का लगना, सारे शरीर में कुचलने जैसा दर्द का महसूस होना,  बार-बार करवटें बदलने पर परेशानी होना,इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

पसीने से सम्बन्धित ( Symptoms related to sweating):-

रोगी के पसीने से खट्टी फफूंद की तरह बदबू  का आना, इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

श्वास संस्थान से सम्बन्धित( Related to Institute of Breathing) :-

रोगी को खांसी का होना, खांसी के दौरे पड़ने लगना, रात के समय में जब व्यायाम करते है तो खांसी और भी तेज होने लगती है!गले में सूजन, निमोनिया रोग, लकवा तथा इन रोगों के साथ ही श्वास लेने में परेशानी का होना,अधिक बोलने पर खांसी होना,तथा सुबह के समय में दर्द महसूस होना,रोगी रोने धोने के साथ शोक तथा संताप करता हो,

तथा इसके साथ ही उसे खांसी का होना,रोगी को श्वास नली के अन्दर एवं नीचे गुदगुदी होने के कारण सूखी खांसी का होना, बलगम के साथ  खून का निकलना, श्वास लेने में परेशानी होना, कभी-कभी खून की उल्टियां भी होना, तथा छाती में दर्द भी होता रहता हो, चेहरे पर फोड़े तथा फुंसियां का होना,इस प्रकार श्वास से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोगो को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का प्रयोग करना चाहिए!

हृदय से सम्बन्धित( Cardiovascular) :-

हृदय में दर्द का होना,  रोगी के बायें बाजू की कुहनी में भी दर्द का होना, हृदय में दर्द सुई की चुभन जैसा महसूस होना, नाड़ियो का  कमजोर हो जाना, हृदय में सूजन हो जाना, सांस लेने में परेशानी होना,  कई भागों में दर्द महसूस होना,तथा हृदय की गति का  बढ़ जाना, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना लाभदायक  है।

त्वचा रोग से सम्बन्धित लक्षण( Symptoms related to skin disease):-

शरीर के कई अंगों की त्वचा पर काला और नीला दाग हो गया हो या खुजली तथा जलन हो रही हो या फिर छोटे-छोटे दाने-फुंसियां हो गई हों, छोटे-छोटे फोड़ें झुण्डों में हो, चेहरे पर मुंहासें हो गया हो तो इस प्रकार के लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए।

नींद से सम्बन्धित( related to sleep):-

रोगी को अधिक थकान का महसूस होना, और साथ ही बेचैनी हो रही हो तथा बेहोशी जैसी समस्या हो गई हो, जागने पर सिर गरम हो जाता हो, मृत्यु का डर लगने लगता हो, शरीर के कई अंगों में दर्द होता रहता हो, डरावने सपने का आना, रात के समय में डर लगना, नींद के दौरान बिस्तर पर मल का निकल जाना, इस प्रकार के लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका मोन्टाना औषधि का उपयोग करना चाहिए

मात्रा (Dose) :-

आर्निका मोन्टाना औषधि  का प्रयोग चोट को ठीक करने के लिए इस औषधि की 1000 और 1 लाख शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं। स्थानिक रोग को ठीक करने के लिए मूलार्क (Mother Tinture) का उपयोग करना चाहिए, लेकिन गर्म घोल के रूप में इसका प्रयोग कभी भी नहीं करना चाहिए या जब चमड़ी छिली हुई हो या उस पर कोई घाव हो तो इसका उपयोग कर सकते है ।

Disclosure  :- दोस्तों, उपरोक्त दी गई जानकारी केवल एजुकेशन के उद्देश्य से है । इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले किसी अच्छे होमियोपैथ की सलाह अवश्य ले ।

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