शक्ति (पोटेंसी) – Q, 3x, 6x, 30
निर्माण :- जामुन की गुठली से इसका मदरटिंक्चर बनता
Syzygium Jambolinum के मुख्य उपयोग–
मधुमेह (डायबिटीज) की यह प्रमुख औषध है ।
प्यास की तीव्रता, कमजोरी, दुर्बलता के कारण कोई भी कार्य कर पाने में असमर्थ रहना, बार-बार व परिमाण में अधिक पेशाब होना, पेशाब का आपेक्षिक गुरुत्व अधिक बढ़ जाना, डायबिटीज (बहुमूत्र) विकार के कारण शरीर में घाव आदि देरी से ठीक हो पाना इत्यादि लक्षणों में यह दवा अत्यन्त लाभप्रद सिद्ध हुई है ।
मूत्र में चीनी की मात्रा बढ़ जाये जिससे रोगी कमजोर होता चला जाये तो इसके यानी सीजियम जाम्बोलिन के मदरटिंक्चर की 10-15 बूँदें, थोड़े-से ताजा पानी में डालकर दिन में 3-4 बार कई माह तक लेने से लाभ हो जाता है
डॉ० विलियम बोरिक के अनुसार- पेशाब में चीनी का परिमाण घटाने या दूर करने वाली इसके समकक्ष प्रायः दूसरी औषध दृष्टिगोचर नहीं होती अम्ल प्रधान धातु वाले विशिष्ट रोगियों के लिए सिजिजियम और अधिक लाभदायक रहती है ।
बहुमूत्र हो, अस्वाभाविक रूप से हो, साथ ही ज्वर या अन्य कोई व्याधि भी ऐसे डायबिटीज के रोगी को हो तब यह दवा और अधिक उपयोगी है।
डाइबिटीज की अन्य औषधिया- एब्रोमा ऑगस्टा , यूरेनियम-नाइट्रेड, एसिड फॉस, Cephalandra indica
आयुर्वेदिक मत– आयुर्वेद में जामुन के फल, गुठली (गिरी), पत्ते, तने की छाल के क्वाथ का प्रयोग बहुमूत्र में प्राचीन काल से होता है। आयुर्वेद के अनुसार जामुन के पके फल का रस मूत्रकारक, धारक और पाचक है।
FAQ
प्रश्न :- डाइबिटीज(मधुमेह) में क्या खाएं ?
उत्तर :- खाये : करेला, खीरा, टमाटर , मूली, अंकुरित अनाज, सेब , अमरुद आदि
More Stories
कार्बो वेजिटैबिलस (Carbo Veg) होम्योपैथिक दवा
केरिका पपाया carica papaya होम्योपैथिक दवा और उसके फ़ायदे
साईक्लेमेन Cyclamen होम्योपैथिक दवा और उसके फायदे