होम्योपैथिक दवा ग्रेफाइटिस का उपयोग
बहुत मोटापे में, कब्ज में, त्वचा (Eczema) रोग में, मासिक धर्म की देर से अवधि आदि में, दवा ग्रेफाइटिस बहुत अच्छा प्रभाव दिखाता है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर, दवा ग्रेफाइटिस का उपयोग-
1. मन से संबंधित लक्षण (Symptoms related to mind)
रोगी को हर समय डर लगना, किसी काम में मन न लगना, बहुत अधिक भावुक हो जाना, कोई भी निर्णय लेने में दुविधा महसूस करना, उदास बैठे रहना, मन में किसी समस्या के बारे में चिंतित रहना आदि लक्षणों से पीड़ित व्यक्ति को ग्रैफाइटिस दवा देने से बहुत फायदा होता है ।
2. सिर से संबंधित लक्षण-(Symptoms related to head):-
सिर में अत्यधिक रक्तस्राव, नाक से खून बहना, सुबह होते ही आधा सिर दर्द, उल्टी जैसा महसूस होना, सिर के एक तरफ गठिया का दर्द जो दांतों और गर्दन तक फैल गया हो। , सिर में जलन आदि के लक्षणों में ग्रैफाइटिस का उपयोग बहुत उपयोगी है।
3. आँखों से सम्बन्धित लक्षण -(Symptoms related to eyes)
पलक लाल आंखें सूज जाती हैं, रोशनी में आते ही आंखें बंद हो जाती हैं, पलकों में छाजन हो जाना ,पलकें सूज जाती हैं, आदि आंखों के रोगों के लक्षणों के आधार पर रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि का प्रयोग करने से आराम मिलता है।
4. कान से संबंधित लक्षण-(Ear symptoms)
कान के भीतरी भाग में सूखापन, खाने के समय कानों में आवाज होना, कान के अंदर और पीछे की आवाजें सुनना, जोर से बोलने पर ही सुनाई देना, कान के अंदर कोई अजीब आवाज होना आदि जैसे लक्षणों में ग्रैफाइटिस की दवा देने से आराम मिलता है।
5. नाक से संबंधित लक्षण-(Nasal symptoms)
नाक के नथुने के अंदर छोटी-छोटी फुंसियां के लक्षणों में, नाक की सफाई करते समय बहुत तेज दर्द, फूलों की खुशबू को सहन करने में असमर्थता, रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि का उपयोग करने से लाभ मिलता है।
6. मुंह से संबंधित लक्षण-(Mouth related symptoms)-
मुंह में बहुत खराब गंध जैसे लक्षणों के आधार पर, सांस में खराब गंध, जीभ पर फफोले या छाले, लार का ज्यादा मात्रा में गिरना, खट्टी-खट्टी डकारे आना आदि लक्षणो में ये दवा रोगी को देने में फायदेमंद है।
7. चेहरे से सम्बंधित लक्षण-(Symptoms related to face)-
चेहरे पर ऐसा महसूस करना जैसे कि मकड़ी का जाला सा बिछा हुआ हो, नाक में छाजन होना, चेहरे पर खुजली के साथ फुंसियां निकलना, मुंह के चारों ओर तथा दाढ़ी पर गीली सी छाजन होना, चेहरे पर जलन और किसी कीड़े के डंक मारने जैसा महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि देने से लाभ होता है।
8. आमाशय से सम्बंधित लक्षण-(Symptoms related to stomach)
मांस को देखते ही जी का कच्चा हो जाना, गर्म पीने वाली चीजों का हजम न होना, जितनी बार भी भोजन करो उतनी ही बार जी मिचलाना और उल्टी आना, आमाशय में दबाव सा महसूस होना, पेट में जलन होने के कारण भूख न लगना, डकार लेने में परेशानी होना, पेट में गैस बनना, मासिकधर्म के दौरान गर्भधारण के समय की उल्टी के समान उल्टी होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि के प्रयोग से लाभ मिलता है।
9. मल से सम्बंधित लक्षण-(Symptoms related to stool):-
पेट में कब्ज का बनना, मलक्रिया के दौरान बहुत ज्यादा तकलीफ होना, खूनी बवासीर होना, मल का पानी जैसा, बदबूदार, मल का आना, मलद्वार में दर्द और खुजली होना, मल का गांठों के रूप में आना , मलद्वार पर दरारें सी पड़ना आदि लक्षणों में रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि देने से लाभ मिलता है।
10. स्त्री से सम्बंधित लक्षण-(Symptoms related to woman):-
मासिकधर्म का समय के बहुत बाद में आना, कब्ज बनना, स्राव शुरू होने से पहले खुजली होना, मासिकधर्म के दौरान सुबह उठते ही उल्टी होना, प्रदर स्राव बिल्कुल पतला, पीले रंग में, बहुत ज्यादा मात्रा में आना, कमर का काफी कमजोर हो जाना, स्तनों में सूजन आने के साथ कठोर हो जाना, आदि लक्षणों में ग्रैफाइटिस औषधि का प्रयोग करने से आराम आता है।
11. सांस से संबंधित लक्षण(Symptoms related to breath):-
छाती में सिकुड़न महसूस होना, छाती के मध्य भाग में दर्द के साथ खांसी होना, पुराने गले में खराश के साथ त्वचा रोग, घुटनों में दर्द के कारण नींद आना, तेज आवाज में बात करते समय, गाते समय आवाज बिगड़ने के लक्षणों में, ग्रैफाइटिस औषधि लेना फायदेमंद है।
12. बाहरी अंगों से संबंधित लक्षण-(Symptoms related to external organs):-
शरीर के अंगों, गर्दन के जोड़ों, कंधों और पीठ में दर्द, रीढ़ में तेज दर्द, जांघ के मध्य भाग में छीलने जैसा दर्द महसूस होना, अंगुलियों के नाखून काले, मोटे और खरोंच जैसे होते हैं। जब किसी व्यक्ति को बाएं हाथ की सुन्नता, जननांगों के पानी भरने, पैर की उंगलियों को कसने, पैरों में बदबूदार पसीना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो ग्रैफाइटिस औषधि फायदेमंद होती है।
13. चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण-Dermatonosus(Symptoms related to skin):-
त्वचा सख्त और खुरदरी होती है, त्वचा पर दाने और फुंसियां
वृद्धि-Growth-
गर्मी के कारण, रात के समय, मासिक धर्म के दौरान और बाद में, रोग बढ़ जाता है और अंधेरे में कसकर लपेटने से रोग कम हो जाता है।
ग्रेफाइटिस का प्रतिविष (Antidote)
नक्स वोमिका, ऐकोनाइट, आर्सेनिक।
परिशिष्ट-supplement
आजेण्ट-नाइट्रि, कास्टिक, हीपर, लाइको, आर्से, टुबरकुलीनम।
तुलना-Comparison
ग्रैफाइटिस औषधि की तुलना पेट्रोलियम, सीपिया, सल्फर, फ्लोरिक एसिड और लाइकोपोडियम से की जा सकती है।
मात्रा (Dose) –
6x ,30 ,200 व 1M शक्ति तक रोगी को रोगों के लक्षणों के आधार पर देने से लाभ मिलता , इस दवा की 5 बूंदे पानी में डालकर प्रयोग की जाती है ।
FAQ
प्रश्न :-ग्रेफाइटिस दवा का मलहम किस काम मे प्रयोग होता है ?
उत्तर:- खाज -खुजली में ग्रेफाइटिस (Graphites) का मलहम(ointment) use होता है । ये क्रीम SBL , Omeo, Lords, Bakson, आदि कंपनियों की होती है ।
प्रश्न :- क्या ग्रेफाइटिस 30, या 200 (Graphites) को किसी अन्य दवा के साथ ले सकते है ?
उत्तर:- जी हाँ, इस दवा को अन्य दवा के साथ ले सकते है ।
प्रश्न:- क्या इसका कोई दुष्प्रभाव होता है ?
उत्तर:- नही ।
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