May 4, 2024

कैसे किया मधुमेह (Diabetes) का इलाज होमियोपैथी से ?

Homeopathic treatment of diabetes

मधुमेह(Diabetes) :-

जब किसी व्यक्ति के रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है या मूत्र में शक्कर आने लगती है, तो यह समझना चाहिए कि वह व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है। यह अक्सर शरीर में इंसुलिन की कम मात्रा के कारण भी होता है। इंसुलिन का काम शरीर में शुगर की मात्रा को बनाए रखना है।

मधुमेह (शुगर) के 2 प्रकार हैं (Types of diabetes)

(1) शरीर में इंसुलिन की कम मात्रा के कारण मधुमेह।

(2) इंसुलिन के के मार्ग में आई रुकावट के कारण-

महत्वपूर्ण जानकारी-Information

किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में शर्करा की मात्रा सुबह खाली पेट 80 से 100 और भोजन के बाद 140 होनी चाहिए।

मधुमेह (Diabetes) के कारण

मधुमेह ज्यादातर लोगों के लिए वंशानुगत है। इसके अलावा, अत्यधिक मोटापे के कारण, किसी प्रकार की लम्बी बीमारी के कारण, संक्रमण फैलने के कारण और भोजन से संबंधित दोषों के कारण भी यह रोग होता है।

मधुमेह (Diabetes) के लक्षण :-

● मधुमेह में रोगी बार-बार पेशाब करता रहता है, जिसके कारण उसे रात में सोते समय पेशाब करने के लिए कई बार उठना पड़ता है।

● रोगी को बार-बार प्यास लगती है लेकिन पानी पीने के बाद भी रोगी का मुंह सूखा रहता है।

●रोगी का वजन धीरे -धीरे कम होता जाता है।

● रोगी आंखों से कम दिखाई देता है।

● रोगी को सिरदर्द होता है।

● घायल होने पर उसे ठीक करना मुश्किल हो जाता है।

● महिलाओं की योनि में बार-बार जलन होती है।

मधुमेह रोग के कारण होने वाली समस्याएँ – Problems due to diabetes

◆ आंख को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

◆ धमनियों को चिकनाई के कारण, शरीर के अन्य हिस्सों को पूरा रक्त नहीं मिलता है।

◆ एक मधुमेह रोगी को चोट लगने पर गैंग्रीन का खतरा सबसे अधिक होता है।

◆ डायबिटीज का असर किडनी पर बहुत ज्यादा पड़ता है। यदि मधुमेह का रोग बढ़ता है,

तो इसके कारण रोगी को उच्च रक्तचाप या दिल का दौरा जैसी हृदय रोग होता है।

सावधानी-attentiveness

1. मधुमेह के मामले में, रोगी को समय-समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
2. रोगी को अपने आप ही डायबिटीज की दवाइयाँ लेना बंद नहीं करना चाहिए।
3. मधुमेह के रोगी को शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. रोगी को अपने दैनिक आहार में तली हुई चीजें या अधिक उत्तेजक चीजें नहीं लेनी चाहिए।
5. डायबिटीज के रोगी को रोजाना व्यायाम करना चाहिए और कम से कम 45 मिनट तक टहलना चाहिए।
6. रोगी को अपना वजन नियंत्रण में रखना चाहिए।
7. खाने में कच्ची सब्जियों का सलाद खाना चाहिए।
8. जब भी रोगी टहलने के लिए बाहर जाए, तो अपने साथ बिस्कुट का एक पैकेट रखें।
9. यदि रोगी के शरीर में कोई कट या खरोंच, फफोले या सूजन है, तो उसे तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
10. रोगी को नंगे पैर नहीं चलना चाहिए और पैरों के नाखूनों को नियमित रूप से काटना चाहिए।
11. रोगी को अच्छे गद्देदार जूते पहनने चाहिए।
12. वजन कम करने के लिए रोगी को भूख बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये दवाएं रक्त में शर्करा की मात्रा को बढ़ाती हैं।
13. मछली के तेल का सेवन भी रोगी को नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे रक्त में शर्करा की मात्रा भी बढ़ जाती है।

क्या खाना चाहिए-What to eat

1. मधुमेह में रोगी को कम कैलोरी वाला भोजन करना चाहिए।
2. तला हुआ और भुना हुआ भोजन कम से कम लेना चाहिए।
3. खाने में सलाद का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
4. रोगी को जमीन में उगाई गई सब्जियां जैसे आलू, प्याज और चीकू, आम, केला आदि का कम से कम सेवन करना चाहिए।
5. करेले का रस नियमित रूप से पीना रोगी के लिए फायदेमंद है।
6. चाय, कॉफी, कोक, चॉकलेट, पेस्ट्री, जैम और मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।

मधुमेह ,शुगर (Diabetes) की होम्योपैथिक दवाएं

Homeopathic medicine of diabetes

1. सिज़िजिम जंबोलिनम (Syzygium jambolinum) शुगर की रामबाण दवा

शुगर की होम्योपैथिक दवाओं में syzygium jambolinum का सबसे पहला स्थान है , ये दवा जामुन के बीजों से बनाई जाती है आयुर्वेद में भी जामुन को मधुमेह यानि शुगर की मुख्य दवा मानी गई है । ये दवा रक्त में शुगर की मात्रा को कम करती है । इस दवा का मुलार्क अर्थात मदर टिंचर की 20-20 बूंदे दिन में 3 बार दिया जाता है ।

2. यूरेनियम नाइट्रेट (Uranium nitrate) का डाइबटीज में प्रयोग

यूरेनियम नाइट्रेट दवा का सेवन तब किया जाता है जब शुगर का मरीज बहुत कमजोर हो गया हो , उसको प्यास बहुत ज्यादा लगती हो साथ ही शुगर के मरीज के शरीर मे सूजन आ गई हो , इन सभी प्रकार के लक्षणों में यूरेनियम नाइट्रेट दवा का सेवन बहुत उपयोगी साबित होती है ।

3. लैक्टिकम एसिडिकम (Lacticum acidicum) शुगर की दवा

पेशाब का बार बार आना, पेशाब में शुगर आना जिसका पता तब चलता है जब चींटिया पेशाब पर आ जाती है । जीभ का सुखना, लार का ज्यादा बनना, एसिड बनने के कारण , खट्टी डकारें आना , पेट से जुड़ी समस्या , व शरीर मे उत्पन्न होने वाली कमजोरी के ऐसे लक्षणो में ये दवा रामबाण काम करती है ।

4. नैट्रम सल्फ़्यूरिकम (Natrum sulphuricum) मधुमेह में

पेट से संबंधित बीमारी के साथ अगर किसी को शुगर की समस्या हो तो नेट्रम सल्फ बहुत ही कारगर साबित होती है । इस दवा का रोगी नमी वाले मौसम से परेशान रहता हो । जीभ पर सफेद पपड़ी का जमाना, जिसके कारण जीभ में कडवाहट महसूस हो । इस प्रकार के लक्षणों के साथ यदि रोगी को मधुमेह की बीमारी हो तो ये दवा उसमे बहुत ही शानदार काम करती है ।

5. शुगर में आर्सेनिक अल्ब दवा का कमाल

आर्सेनिक एल्ब एक होम्योपैथिक औषधि है जोकि शरीर मे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिसके कारण शुगर यानी मधुमेह से होने वाले दुष्परिणाम जैसे चोट लगने पर जल्दी ठीक ना होना, गैंग्रीन हो जाना , शरीर मे लगातार कमजोरी होना । इन सभी प्रकार के लक्षणों में आर्सेनिक बहुत ही कारगर दवा है ।

6. Cephalandra indica Q मधुमेह में ।

जिस प्रकार शुगर की प्रमुख दवा सिजियम जम्बोलीन है ठीक उसी प्रकार सिफ्लेनड्रा इंडिका भी शुगर को कंट्रोल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । मधुमेह के रोग के अलावा यदि पेशाब का बार बार आना, पेशाब में जलन, शुगर के कारण आई कमजोरी आदि लक्षणो में ये दवा रामबाण काम करती है ।

7. एब्रोमा आगस्टा Q होम्योपैथिक दवा

जिन लोगो को शुगर की शिकायत के साथ बहुमूत्र की शिकायत भी हो , अनजाने में पेशाब निकल जाता हो । पेशाब शुगरयुक्त आता हो । कमजोरी के कारण सिर में चक्कर आना इस प्रकार के लक्षणों में एब्रोमा ऑगस्टा का मुलार्क यानी मदर टिंचर की 10 से 15 बूंदे दिन में 3 से 4 बार लेने पर बहुत लाभ मिलता है ।

8. जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema Sylvestre )

Gymnema Sylvestre का प्रयोग होमियोपैथी में एक प्रतिरोध के रूप में किया जाता है । शुगर के कारण शरीर लगातार कमजोर हो जाता है । जिसके कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता धीरे धीरे कम होने लगती है । और इसके परिणाम स्वरूप जरा सी चोट भी ठीक होने में बहुत ज्यादा समय लगाती है । इस प्रकार के लक्षणों में इस दवा का उपयोग बहुत ही कारगर साबित होता है ।

मधुमेह (शुगर) के कुछ प्रमुख होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन

1.  Dr Reckeweg की R 40 शुगर (मधुमेह) की होम्योपैथिक दवा

दोस्तो , डॉ रेकेवेग कंपनी द्वारा निर्मित R40 शुगर के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है , ये दवा कुछ दवाओं का कॉम्बिनेशन है । जो शुगर में बहुत अच्छा काम करते है ।

R 40 homeopathic medicine for diabetes

R40 का फॉर्मूला :– फैसियोलस नैनस D 12, एसिड फॉस्फोरिक D 12, आर्सेनिक एल्ब D8, लाइकोपोडियम D 30, नोट्रियम सल्फ्यूरिक D 12, यूरेनियम नाइट्रिक D 30, सीकेल कॉर्नेट D4.

R 40 दवा लेने का तरीका :- इस दवा की 10 से 15 बून्द 1/4 कप पानी मे डालकर दिन में 3 बार पीने से शुगर कंट्रोल होता है ।

2. SBL की दिबोनिल Dibonil Drop

भारतीय कंपनियों में SBL कुछ टॉप कंपनियों में से एक है । इसी कंपनी का एक होम्योपैथिक फॉर्मूला Dibonil है जोकि मधुमेह का एक पेटेंट फॉर्मूला है । इस दवा में बहुत सी होम्योपैथिक दवाओं का मिश्रण दिया हुआ है जोकि शुगर को कंट्रोल करता है । इस दवा की 10 से 15 बूंदे दिन में 3 से 4 बार डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिए ।

SBL dibonil homeopathic medicine

मधुमेह (Diabetes) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न :- क्या होमियोपैथी या आयुर्वेद में शुगर (डाइबिटीज) का ईलाज है ?
उत्तर:- जी हाँ । आयुर्वेद व होमियोपैथी में शुगर का ईलाज सम्भव है ।

प्रश्न :- क्या शुगर हमेशा के लिए ठीक हो सकता है ?

उत्तर :- बहुत से एलोपैथ डॉक्टर का कहना है कि शुगर कभी भी ठीक नही हो सकता इसको केवल नियंत्रित किया जा सकता है । परन्तु आयुर्वेद ओर होमियोपैथी में ऐसी बहुत सी दवाएं है जो इसको जड़ से समाप्त कर देती है ।

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