April 28, 2024

थनैला रोग की होम्योपैथिक दवा (Homeopathic Medicine for Mastitis)

homeopathic treatment for mastitis in cow

थनैला (Mastitis)

थनैला बीमारी, पशुओं के थन के रोग को कहते हैं ! यह बीमारी सामान्यत: गाय, भैंस, बकरी, एवं सूअर समेत तक़रीबन सभी वैसे पशुओं में पायी जाती हैं, जो अपने बच्चो को दूध पिलाती है ! प्राचीन काल मैं यह बीमारी दूध देने वाले पशुओ एवं उनके पशुपालको के लिए चिंता का विषय बना हुआ है ! पशुधन विकास के साथ श्वेत-क्रांति की पूर्ण सफलता में अकेले यह बीमारी सबसे अधिक बाधक है !

थनैला होने के मुख्य कारण

दोस्तो, इस बीमारी से पूरे देश में प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये का नुक्सान होता है जो अन्तः पशुपालको की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है ! थनेला बीमारी पशुओ में कई प्रकार के जीवाणु, विषाणु, फफूंदी एवं यीस्ट तथा मोल्ड के संक्रमण से होता है ! इसके आलावा चोट तथा मौसमी प्रतिकूलताओ के कारण भी थनैला हो जाता हें !

थनैला रोग से प्रभावित पशुओ को, रोग के प्रारंभ में थन गरम हो जाता है तथा उसमे दर्द एवं सुजन हो जाती है ! शारीरिक तापमान भी बढ़ जाता है ! लक्षण प्रकट होते ही दूध की गुणवत्ता प्रभावित होती है ! दूध मई छटका, खून यावं पीभ (पस) की अधिकता हो जाती है !

थनैला (Mastitis) के प्रकार:-

Hyperacute Clinical:-

थन में सूजन, लालीपन,कष्टदायक थन,दूध दुहना में कठिनाई, बुखार 41°C से  ऊपर, भूख में कमी, वजन जल्दी खो देता है, स्तनपान अक्सर बंद हो जाता है!

Subacute Clinical:-

थन में कोई स्पष्ट परिवर्तन नहीं, परन्तु  दूध में परतदार कणों की उपस्थिति विशेष रूप से प्रारंभिक दूध में,लेकिन थन स्वस्थ दिखाई देता है!

Chronic:-

हल्के क्लिनिकल दौरे, आमतौर पर बुखार के बिना, ढेलेदार दूध, थन में कभी-कभी सूजन ,थन ठोस हो सकते हैं (तंतुमय कठोरता),एंटीबायोटिक उपचार अक्सर काम नहीं करते !

थनैला रोग पर अंग्रेजी दवाओं के नुकसान

दोस्तो, अक्सर देखा गया है की जब भी पशु बीमार होता है तो पशुपालक तुरन्त मेडिकल स्टोर से खुद दवाई लेकर पशुओं को देना शुरू कर देता है । उसके बाद भी अगर रोग सही नही होता तो डॉक्टर को बुलाया जाता है । गाँव , दिहात में डॉक्टर ज्यादा पढ़े लिखे ना होने के कारण तुरन्त इंजेक्शन लगा देते है । साथ ही कुछ अंग्रेजी दवा दे देता है ।  इतनी सारी अंग्रेजी दवा के सेवन ओर इंजेक्शन के कारण वो रोग ओर भी बिगड़ जाता है ।

ऐसे ही लगातार अंग्रेजी दवाओं के कारण ही आजकल के पशुओं में भी प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है जिसका मुख्य कारण अंग्रेजी दवाओं का बढ़ता प्रचलन है । जिसके कारण बीमारी सही होने वजह और ज्यादा गंभीर रूप ले लेती है ।

होमियोपैथी दवाओं को लेकर भ्रांतियां

दोस्तों, हमारे बीच में हमेशा से ये भ्रांति फैलाई जाती रही है की होम्योपैथिक दवाएं बहुत देर में काम करती है । परन्तु ऐसा कहना बिल्कुल गलत है । क्योंकि जब कोई पशुपालक , किसी होमियोपैथ के पास केवल तभी आता है जब वो सभी प्रकार के उपचार कर चुका होता है । जिसके कारण वो बीमारी ओर भी गंभीर हो जाती है ।

ओर इसी कारण उसको ठीक होने में पहले के मुकाबले ज्यादा समय लगता है ।

होम्योपैथिक दवाओं के लाभ

दोस्तो, होम्योपैथिक दवाएं नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है । इनमे दवाओं के अंश बहुत ही कम मात्रा में होते है जिनको हम नैनो पार्टिकल्स भी कहते है । होम्योपैथिक दवाओं में , दवा की मात्रा सूक्ष्म होने के कारण ये सीधा रोग की जड़ो पर वॉर करती है । जिसके कारण केवल रोग सही होता है ओर रोगी को किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नही झेलना पड़ता ।

Oddo Mastitis-B  थनैला (Mastitis) की रामबाण होम्योपैथिक दवा

दोस्तों, oddo Mastitis – B एक होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन है । जो बहुत ही अनुसंधान के बाद कई तरह की होम्योपैथिक दवाओं के मिश्रण से तैयार की गई है ।

oddo Mastitis B

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ये दवा पशुओं में होने वाली इन बीमारियों को ना केवल ठीक करती है अपितु एंटीबायोटिक्स के लगातार प्रयोग से होने वाले गंभीर बीमारियों जैसे – दूध का कम हो जाना, फैट में कमी, लिवर इन्फेक्शन, बाँझपन , हिट पे ना आना आदि को भी ठीक करती है ।

पशुओं को दवा देने की विधि

Mastitis B की 5- 5 ml मात्रा दिन में 3 बार सीरेंज (injection) में भरकर , पशु के जीभ पर डालनी होती है । इसके अलावा आप ये दवा रोटी में डालकर भी दे सकते है ।

पशुओं में थनैला रोग  (Mastitis)  की अन्य होम्योपैथिक  दवाएं

1. Belladona 30c

तीव्र प्रसव पश्चात स्तन की सूजन, थन बहुत गर्म और लाल, छूने पर दर्द, पल्स तेज

2. Bryonia alba 30c

ठंड की वजह से स्तन की सूजन, साथ में ज्वर तथा तीव्र पल्स और एक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है !

3. Conium Maculatum 30c

स्तन ग्रंथियों की सूजन, थन में गाँठ !

4. Phytolacca D 30c

क्लिनिकल तथा क्रोनिक केस के लिए उपयोगी, खट्टा और दूध का थक्का बनाना !

5. Silicea 30c

पीप, फोड़ा तथा गर्मियों में स्तन की सूजन के मामलों में भी उपयोगी !

6. Arnica Montana 30c

चोटों से उत्पन्न स्तन की सूजन और रक्त स्राव को रोकने में सहायक !

7. Ipecac 30c

गुलाबी या रक्तरंजित दूध और आंतरिक रक्त स्त्राव के इलाज के लिए उपयोगी !

8. Heper Sulph 30c

गर्मियों में स्तन की सूजन के मामले में पीप आना और थन की सफाई के लिए उपयोगी !

9.Chamomila 30c

बैंगनी स्तन ग्रंथि, तंतुमय ऊतक, (प्रोस्ट्रेट) अस्वस्थ पशु तथा पशुओ में चिडचिडापन !

10. Calc Flour 30c

थन में गाँठ, स्तन ग्रंथियों की सूजन, क्रोनिक Mastitis (थनैला) आदि में लाभदायक !

(नोट: -उपरोक्त्त सभी दवाएं oddo Mastitis B  में पहले से ही पड़ी हुई है । आप इन सभी दवाओं को अलग अलग ना लेकर केवल एक दवा भी ले सकते है )

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