कोरोना वायरस की होमियोपैथी दवा (covid 19 homeopathic medicine)
दोस्तो, में आपको ये बता दूँ की कोरोना वायरस जिसको हम covid 19 के नाम से भी जानते है , एक बहुत ही खतरनाक महामारी का रूप ले चुकी है । इस महामारी से बचाव हेतु दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियां लगातार इसकी वैक्सीन ओर दवा बंनाने में जुटी हुई है ।
दुनियाभर की सरकारे अपने अपने स्तर पर इस माहमारी से निपटने की कोशिश में है ओर इसके लिए अलग अलग चिकित्सा पद्धति में इसके ईलाज पर कार्य चल रहा है ।
पर क्या आप जानते है होमियोपैथी ही एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो किसी भी बिमारी का नाम नही जानती, अर्थात किसी भी होमियोपैथ को किसी भी रोग को ठीक करने से पहले रोग(बीमारी) का नाम जानने की जरूरत नही पड़ती । ऐसा क्यों होता है ?
आइये जानते है होमियोपैथी पद्धति के बारे में
होमियोपैथी का सिद्धान्त
दोस्तो, जिस प्रकार आयुर्वेद में कफ , पित्त ओर वात और नाड़ी देखकर मर्ज का अंदाजा लगाया जाता है फिर उसकी दवा दी जाती है ठीक उसी प्रकार होमियोपैथी में भी सिर्फ रोग के लक्षण (symptoms) देखकर उस रोगी का ईलाज किया जाता है ।
इसलिए इस पद्धति में रोग के नाम जानने की जरूरत नही होती,
कोरोना वायरस और होमियोपैथी
दोस्तो, जैसा की हमने ऊपर पढ़ा की होमियोपैथी कभी भी रोग यानी बीमारी का नाम नही पूछती, सिर्फ रोग के लक्षण के आधार पर दवाई दी जाती है , इसलिए कोरोना वायरस (covid 19) के case में भी जो symptoms नजर आये उसके आधार पर Arsenic Alba दवा लेने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी गई ।
जैसा की हम सभी ये जानते है की कोरोना वॉयरस होने पर हमको बिल्कुल साधरण से फ्लू होता है , जिसमे निम्न लक्षण दिखलाई पड़ते है जैसे जुकाम, सर्दी, छींक, नाक से पानी आना, सिरदर्द होना और बुखार या खांसी , स्वाद का लोप हो जाना आदि .
जब होमियोपैथी डॉक्टरों ने कोरोना से पीड़ित मरीजो का अध्यन करना शुरू किया की ओर ये पाया की जो लक्षण कोरोना के मरीजो के थे , वही same लक्षण (symptoms ) आर्सेनिक अल्ब 30 दवा के भी थे । परन्तु इसका कोई भी scientific आधार ना होने के कारण इस इस दवा को सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर का नाम दिया गया,
Arsenic alb 30 लेने का सही तरीका
दोस्तों, जैसा की हम जानते है की आर्सेनिक एक प्रकार का जहर (poison) होता है , इतिहास की माने तो इस दवा को सबसे पहले सुकरात को मारने के लिए इसका उपयोग किया गया था ।
ये ही कारण है की इस दवा को बहुत ही कम मात्रा में प्रयोग करनी चाहिए ।
इस दवा की 5 बूंद आधे कप ताजा पानी में दिन में सिर्फ 1 बार ही लेनी होती है ओर वो भी सिर्फ 3 दिनों तक , इसके बाद इसको पुनः लेने के लिए कम से कम 15 दिन का wait करना जरूरी है ।
दोस्तो वैसे तो हमने ऊपर इस दवा के लेने का सही तरीका आपको बता दिया है परन्तु फिर भी इस दवा को उपयोग करने से पहले आप किसी अच्छे होमियोपैथी डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।
FAQ
प्रश्न :- क्या आर्सेनिक अल्बा का लिवर पर असर पड़ता है ?
उत्तर :- नही, आर्सेनिक अल्बा का लिवर पर कोई साइड इफ़ेक्ट( दुष्प्रभाव) नही पड़ता । ये बिल्कुल safe दवा है ।
प्रश्न :- भारत सरकार द्वारा कौन सी होम्योपैथिक दवा को कोरोना के प्रिकॉशन के लिए दिया जा रहा है ?
उत्तर:- आर्सेनिक अल्बा 30
प्रश्न :-क्या कोरोना में आर्सेनिक अल्बा कारगर है ?
उत्तर :- सिर्फ लक्षणों के आधार पर कोई भी होम्योपैथिक दवा को दिया जाता है । जिस प्रकार कोरोना के लक्षण है उनमे से अधिकांश लक्षण आर्सेनिक अल्बा में पाए जाते है । परंतु फिर भी बिना डॉक्टर की सलाह के ये दवा नही लेनी चाहिए ।
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