Bufo Rana होम्योपैथिक दवा, फायदे, उपयोग, शीघ्रपतन
अक्सर नयी उम्र के लड़के सवाल करते हैं बहुत हस्तमैथुन किया है अब इतने समय से हस्तमैथुन छोड़ रखा है , खान पान भी अच्छा है , लेकिन बात बिगड़ चुकी है कोई उत्तेजना कोई फीलिंग नहीं बची है , मन तो बहुत करता है सेक्स के बारे में दिन रात सोचते हैं , लेकिन अंग साथ नहीं देता , सोते सोते वीर्यपात हो जाता है , कमजोरी के कारण दौरे आने जैसा अहसास होता है एकांत में रहने का मन होता है किसी से बात करना पसंद नहीं .. पहले म्यूजिक DJ का बड़ा शौक था अब तेज आवाज भी पसंद नहीं है.. सिर पर गरम भाप जैसा महसूस होता है ..चलते समय कदम ठीक से नहीं पड़ते ऐसा महसूस होता है की जांघों में किसी ने कील ठोंक रखी है…. पैरों में ऐठन होती है ..दिमाग सुन्न हो जाता है ..माथे में दर्द होता है .. सोच सोच कर चेहरा पसीने से भीग जाता है … अँधेरे में रहने का मन होता है ..लाइट देखने के इच्छा नहीं होती ….
घर वाले शादी की बात करते हैं, किसी तरह उन्हें मना कर रहा हूँ लेकिन कब तक टालूँगा , मन करता है अपने को ही कुछ कर लूँ , बहुत तरह की दवा चूर्ण खा चुका किसी से कुछ फायदा नहीं हुआ पागलों जैसी हालत हो गयी है .. आदि..आदि ….
Bufo Rana Beifits (जानकारी)
Bufo rana एक ख़ास तरह की होम्योपैथिक दवा है
जो कि मेंढक के विष से बनाई जाती है, और इसे बनाने के लिए मेंढक की स्किन का उपयोग किया जाता है, जिससे उसकी त्वचा में स्थित विष ग्रंथियों का सारा विष निकाल लिया जाता है।
उसके बाद इस जहर को सुखा कर चूर्ण बनाया जाता है, फिर इस तैयार चूर्ण को अन्य विधियो के द्वारा होम्योपैथिक दवाओं में उपयोग किया जाता है।
इस दवा का मुख्य उपयोग जोड़ो के दर्द को ठीक करने, त्वचा रोग को ठीक करने, मिर्गी के रोग को ठीक करने, सूजन इत्यादि अनेक रोगों के उपचार में प्रयोग की जाती है।
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विभिन्न लक्षणों में Bufo rana का उपयोग
Bufo rana नामक होम्योपैथिक दवा का उपयोग बहुत सारे रोगों को ठीक करने में किया जाता है इसमें से मुख्य रोग निम्नलिखित है –
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जोड़ो के दर्द में Bufo rana
अगर कोई रोगी जोड़ो के दर्द से बहुत ज्यादा परेशान है, और वह बहुत सारी दवाओं को खा कर आजमा चुका है तो उसे Wufo rana का उपयोग जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह दवा खास रूप से जोड़ो के दर्द के लिए ही है, इसके सेवन के बाद से रोगी के जोड़ो में घर्षण बन्द हो जाएगा और घर्षण के बंद होते ही उसके जोड़ो का दर्द भी चला जायेगा, यह दवा हड्डियों के रोगों में रामबाण सिद्ध होती है।
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त्वचा रोगों में Bufo rana
अगर किसी रोगी को गंभीर त्वचा रोग है, या उसकी त्वचा रूखी और सुखी रहती है, या फिर उसकी त्वचा पर सफेद दाग या निशान बन जाते है और खुद ही गायब भी हो जाते है और साथ में ही उन धब्बों की जगह पर खुजली भी होती है, या फिर त्वचा पर लाल दाने पड़ जाते है, या फिर त्वचा में उम्र से पहले झुर्रियां पड़ रही है तो उसे Wufo rana का सेवन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार करना चाहिए।
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मिर्गी के रोग में Bufo rana
अगर किसी रोगी को मिर्गी के दौरे पड़ते है या फिर उसका यह रोग बहुत पुराना है और किसी भी दवा से ठीक नहीं होता है तो रोगी को bufo rana होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहिए।
Wufo rana सभी तरह के तंत्रिका रोगों को ठीक कर देता है, जिससे रोगी का मिर्गी रोग भी ठीक हो जाएगा।
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सूजन में Bufo rana
अगर किसी रोगी के शरीर में बिना वजह ही सूजन रहती हो, या फिर उसके हाथ-पैर किसी रोग की वजह से सूज जाते हो, और उनमें तनाव रहता हो, और दर्द भी महसूस होता हो, या फिर सर्दियो के मौसम में ठंड की वजह से हाथों या पैरो में सूजन आ गयी हो, या फिर किसी चोट या ठोकर लगने की वजह से सूजन आ गयी हो तो रोगी को Wufo rana की खुराक देनी चाहिए, इसके सेवन से सभी तरह की सूजन खुद ही खत्म हो जाती हैं और रोगी ठीक हो जाता है।
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मन के रोगों में Bufo rana
अगर रोगी को कोई भी मानसिक रोग है या फिर रोगी को बिना वजह ही गुस्सा आता है और वह हर किसी पर चिल्लाता रहता है, या फिर रोगी हमेशा ही चिड़चिड़ा बना रहता है, या फिर उसका दिमाग और याददाश्त कमजोर है और वह वस्तुओं को याद नहीं रख पाता है, या रोगी हमेशा ही तनावग्रस्त रहता है और उसे अकेलापन अच्छा लगता है तो रोगी को Wufo rana की खुराक जरूर देनी चाहिए, इससे रोगी के सभी तरह के मानसिक रोग बिल्कुल ठीक हो जाएंगे, और वह एक सामान्य जीवन जी सकेगा।
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सर के रोगों में Bufo rana
अगर किसी रोगी के सर में हमेशा दर्द रहता है और बहुत सी दवाएं खाने और इलाज करवाने के बाद भी वह दर्द नहीं जाता है या फिर रोगी के आधे सिर में दर्द रहता है, या फिर रह-रह कर दर्द होता रहता है, या फिर रोगी को अचानक से ही चक्कर आने लगते है और वह बेहोश तक हो जाता है तो इस हालत में उसे Wufo rana की खुराक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार देनी चाहिए।
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नेत्र रोगों में Bufo rana
अगर किसी रोगी के नेत्र में चोट लगी है और उसकी आँखों में टेढ़ापन आ गया है या फिर उसकी आँखों की पुतली किसी एक तरफ मुड़ गयी है या फिर रोगी की आँखे लाल रहती है, और वह किसी एक वस्तु पर फोकस करके नहीं देख पाता है तो उसे bufo rana की खुराकें खिलानी चाहिए।
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कान के रोगों में Bufo rana
अगर किसी रोगी के कान में हमेशा दर्द रहता है और साथ में कान के अंदर घाव, फोड़ा-फुंशी बने रहते है, या फिर रोगी को कम सुनाई देता है, या फिर रोगी को तेज शोर सुनने से कान में बहुत तेज दर्द उठने लगता है तो रोगी को बिना देरी किये Bufo rana का सेवन करना चाहिए इसके लिए वह किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सकता है।
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चेहरे के रोगों में bufo rana
अगर रोगी का चेहरा हमेशा सूजा हुआ सा रहता है, या फिर चेहरे पर हमेशा फुंशी बनी रहती है, या फिर सूजन की वजह से चेहरा विकृत हो गया हो, तब इस हालत में रोगी को Wufo rana का सेवन करवाना चाहिए।
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अन्य रोगों के उपचार में Bufo Rana का उपयोग
- अगर रोगी को किसी भी तरह का मुँह का रोग हो या फिर उसके मुँह में हमेशा घाव रहते हो या फिर मुँह से खून आता हो, या बोलते समय रोगी हकलाता हो तब इस हालत में रोगी को Bufo rana की खुराक देनी चाहिए।
- Bufo rana सभी तरह के यौन रोगों को ठीक कर सकता है, अगर किसी भी रोगी को यौन रोग है तो वह इस दवा का सेवन कर सकता है।
- अगर स्त्रियों को समय से माहवारी नहीं आती है तो वह इस दवा का उपयोग कर सकती है, इसके सेवन से समय से माहवारी आएगी और अनावश्यक दर्द भी नहीं होगा।
- Bufo rana सभी तरह के दिल के रोगों और फेफड़ो के रोगों को ठीक करने में उपयोग किया जाता है, इसके सेवन से सभी तरह की दिल की बीमारियों का इलाज किया जाता है, अगर रोगी के दिल में रह-रह कर दर्द उठता है, या उसे साँस लेने में दिक्कत है तो उसे इस दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।
- यह दवा सभी तरह के हड्डियों के रोगों को भी ठीक करती है अगर रोगी के शरीर में हड्डियां कमजोर हो गयी है तो उसे यह दवा खानी चाहिए, इससे रोगी का यह रोग जल्दी ठीक हो जाएगा।
Wufo Rana का सेवन किस तरह से करना चाहिये
वैसे तो इस दवा को दिन में 4 से 5 बार खाना खाने के बाद लिया जा सकता है, और इसके सेवन के समय आपको सभी तरह की नशीली चीजो जैसे कि तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, शराब इत्यादि से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह दवा मेंढक के विष से बनती है जो कि नशीले पदार्थ के सम्पर्क में आकर घातक साबित हो सकती है।
अलग-अलग रोगों में इस दवा का सेवन का तरीका भी अलग होता है, इसीलिए इसके सेवन से पहले आप होम्योपैथिक चिकित्सक से एक बार सलाह जरूर ले।
Bufo rana दवा किस–किस पोटेंसी में आती है –
यह दवा मुख्यतः 30 CH, 200 CH, 3 CH, 6 CH, 12 CH, 1000 CH की पोटेंसी में आती है, जो कि रोग के अनुसार ही रोगी को दी जाती है।
Bufo rana के सेवन के समय क्या–क्या सावधानी रखनी जरूरी है ?
- bufo rana दवा को हमेशा छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखना चाहिए।
- इस दवा को खाना खाने के 15 से 20 मिनट बाद ही खानी चाहिए।
- bufo rana दवा को सूरज की रोशनी से बचाकर रखना चाहिए क्योंकि सूरज की रोशनी में यह दवा अपना प्रभाव खो देती है।
- bufo rana का कभी भी ओवरडोज़ नहीं लेना चाहिए।
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