April 22, 2024

कौलोफाइलम (Calophyllum) होम्योपैथिक दवा का प्रयोग व उसके फायदे

Calophyllum homeopathic

कौलोफाइलम Calophyllum का प्रयोग उसके फायदे

कौलोफाइलम एक बहुत ही लोकप्रिय होम्योपैथिक दवा है जिसे नीले कोहोश के नाम से भी पुकारा जाता है, कौलोफाइलम दवा मुख्य रूप से स्त्रियों को समर्पित है क्योंकि यह दवा स्त्रियों में बच्चे के जन्म के समय होने वाला प्रसव का दर्द कम करती है, और उन स्त्रियों के लिये भी यह दवा बहुत ही कारगर है जिनके बच्चे इस दुनिया में आने से पहले ही गर्भपात की वजह से मर जाते है, यह दवा गर्भपात को भी रोकने में कारगर है, इसके अलावा यह स्त्रियों के बहुत से रोगों को ठीक करने में भी सहायक है।

कौलोफाइलम के प्रमुख लाभ

Calophyllum

  1. यह स्त्रियों की ताकत बढ़ाता है।
  2. कौलोफाइलम दवा कमजोर गर्भाशय को मजबूती प्रदान करती है।
  3. कौलोफाइलम एक दर्दनिवारक होम्योपैथिक दवा है इसके सेवन से शरीर के सभी प्रकार के दर्द से निजात मिल जाती है।
  4. कौलोफाइलम के सेवन से सभी तरह के जोड़ो के दर्द में राहत मिल जाती है, इसके सेवन करने से बॉडी में कुछ विशिष्ट प्रकार के हार्मोन्स बनने लगते है जो कि हड्डियों के जोड़ो में विलुप्त हुए एक खास तरह के तरल को दोबारा से बनाने लगते है, जिससे जोड़ो में एक नई जान आ जाती है और उनमें दर्द होना बंद हो जाता है।
  5. कौलोफाइलम लड़कियों के ल्यूकोरिया रोग को भी ठीक कर देता है।
  6. कौलोफाइलम दवा पेट के सभी रोगों को ठीक करने में भी सहायक है, इसके सेवन से अपच, ऐंठन जैसे सभी लक्षण दूर हो जाते है।
  7. कौलोफाइलम दवा से सभी तरह का गठिया रोग जड़ से खत्म हो जाता है।
  8. कौलोफाइलम के सेवन से स्त्रियों के जननांगों में होने वाले रोग भी ठीक हो जाते है।

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विभिन्न लक्षणों में कौलोफाइलम का प्रयोग

कौलोफाइलम दवा से बहुत सारे रोग ठीक हो जाते है जिनमें से कुछ निम्नलिखित है –

  1. मन के रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का प्रयोग

कौलोफाइलम दवा सभी तरह के मन के रोगों और मानसिक रोगों को ठीक कर देती है, अगर किसी भी रोगी को हमेशा किसी बात की चिंता लगी रहती है त फिर वह चिड़चिड़ा बना रहता है, या फिर वो गुस्से में रहता है, या फिर रोगी पूरी दुनिया के कट के रहता है, उसे अकेलापन अच्छा लगता रहता हो, और वह खाना भी न खा रहा हो, तब इन सभी लक्षणो को दूर करने के लिए रोगी को कौलोफाइलम दवा देनी चाहिए।

  1. सामान्य रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का उपयोग

अगर रोगी को प्रसव पीड़ा हो रही हो या फिर वह ठंड के प्रति संवेदनशील हो गया हो या फिर रोगी को माहवारी सही समय पर न आ रही हो तब इस अवस्था मे उसे कौलोफाइलम की खुराक देनी चाहिए।

  1. कौलोफाइलम का प्रयोग सिर के रोगों में

अगर रोगी को हमेशा सिरदर्द रहता है, या उसे चक्कर आते रहते है, या उसका सिर भारी सा रहता है या फिर उसके सिर की नसों में तेज दवाब सा पड़ता है तो उसे कौलोफाइलम की खुराक देनी चाहिए।

  1. नेत्र रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का प्रयोग

अगर रोगी को किसी भी तरह का नेत्र रोग है, या रोगी की आँख में दर्द रहता है, या उसकी आँखों का पानी सूख गया है, या फिर नेत्र में चिपचिपा जैसा लगता है, या फिर रोगी की आँखे रोशनी के प्रति संवेदनशील हो गई है तो उस रोगी को कौलोफाइलम की खुराक देनी चाहिए।

  1. त्वचा रोगों में कौलोफाइलम का उपयोग

अगर रोगी की त्वचा पर भूरे निशान उभर रहे है या फिर उसकी स्किन पर दाग व धब्बे बन रहे है जिनमें रात के समय बहुत खुजली होती है तो उस रोगी को बिना देरी किये हुए कौलोफाइलम का सेवन करना चाहिए।

  1. मुँह के रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का प्रयोग

अगर किसी रोगी को मुँह के बहुत सारे रोग है या फिर उसके मुँह से बदबू आती रहती है या फिर रोगी के मुँह में छाले बने रहते है, जिनमे दर्द होता रहता है तो उस रोगी को कौलोफाइलम की खुराक देनी चाहिए।

  1. पेट के रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का उपयोग

अगर रोगी के पेट मे ऐंठन होती है या फिर रोगी को उल्टियां हो रही है और उसे दस्त भी लग गए है या फिर मासिक धर्म से पहले ही उसे दर्द होने लगता है तो उस रोगी को कौलोफाइलम की खुराक देनी चाहिए।

  1. मादा जननांग के रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का उपयोग

कौलोफाइलम के उपयोग से प्रसव के दौरान होने वाला दर्द कम हो जाता है, गर्भाशय के दीवार में होने वाले दर्द को कम करती है, इसके सेवन से योनि से सफेद पानी आना भी बंद हो जाता है, कौलोफाइलम के सेवन से औरतो में बांझपन जैसे सभी रोग खत्म हो जाते है।

  1. हाथपैर के रोगों के उपचार में कौलोफाइलम का उपयोग

अगर रोगी के हाथ-पैरों में दर्द रहता है या फिर वो सही से चल नहीं पाता है, और चलते समय उसके घुटनों से चट-चट की आवाज आती है तो उस रोगी को कौलोफाइलम का सेवन करना चाहिए।

कौलोफाइलम दवा के साइड इफेक्ट्स 

कौलोफाइलम एक होम्योपैथिक दवा है, जिसका अभी तक कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है, अगर आप इसे किसी अच्छे होम्योपैथी चिकित्सक की देखरेख में खाते है तो कौलोफाइलम का कोई भी साइड इफ़ेक्ट आपको देखने के लिए नहीं मिलेगा।

कौलोफाइलम का सेवन करने का तरीका

कौलोफाइलम का उपयोग हमेशा चिकित्सक की देखरेख में ही करें, वैसे तो सभी चिकित्सक कौलोफाइलम को आधा कप पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने के लिये ही कहते है, रोग के अनुसार दवा की मात्रा भी अलग होती है।

कौलोफाइलम का सेवन करते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए

  1. कौलोफाइलम का सेवन करते वक्त यह ध्यान जरूर देना चाहिए कि दवा कहीं एक्सपायर तो नहीं हो गयी है।
  2. कौलोफाइलम दवा को हमेशा सूरज की रोशनी से दूर रखना चाहिए।
  3. कौलोफाइलम दवा को हमेशा भोजन करने के बाद ही खाना चाहिए।
  4. कौलोफाइलम दवा को छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखना चाहिए।
  5. हर 7 दिन में अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि रोग के अनुसार वह कौलोफाइलम की मात्रा कम या ज्यादा कर सकता है।

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