May 11, 2024

कैनाबिस इण्डिका (Cannabis indica) होम्योपैथिक दवा का प्रयोग व उसके फ़ायदे –

cannabis indica homeopathic medicine

Cannabis indica Uses

कैनाबिस इण्डिका एक बहुत ही प्राचीन होम्योपैथिक दवा है जिसे लोग पुराने जमाने से उपयोग करते आ रहे है, कैनाबिस इण्डिका को भारत में भांग के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर इस दवा को लोग नशा करने के लिए उपयोग करते है लेकिन भांग एक नशीला पौधा होने के साथ-साथ एक बहुत ही कारगर और प्रभावी औषधि भी है, भांग की हरी पत्तियों से आसवन विधि के द्वारा कैनाबिस इण्डिका दवा का सत्व प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग होम्योपैथिक चिकित्सक विभिन्न रोगों का उपचार करने मे करते है।

कैनाबिस इण्डिका के प्रमुख लाभ

कैनाबिस इण्डिका का एक निश्चित मात्रा में सेवन करने से बहुत सारे रोगों का उपचार खुद ही हो जाता है, कैनाबिस इण्डिका दवा के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित है –

cannabis indica homeopathic medicine

  1. कैनाबिस इण्डिका का उपयोग सिर के रोगों के उपचार में भी किया जाता है, कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के सिर के रोग ठीक हो जाते है।
  2. कैनाबिस इण्डिका का उपयोग नेत्र रोगों के उपचार में भी किया जाता है,
  3. कैनाबिस इण्डिका के सेवन करने से स्मृति रोगों में राहत मिलती है।
  4. कैनाबिस इण्डिका का सेवन करने से मतिभ्रम जैसे रोगों का उपचार सम्भव है।
  5. कैनाबिस इण्डिका सिरदर्द में रामबाण का काम करता है, कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह का सिरदर्द ठीक हो जाता है, इसके बारे में आगे हम विस्तारपूर्वक आपको जानकारी देंगे।
  6. कैनाबिस इण्डिका के सेवन से कमर दर्द जैसे रोगों में राहत मिलती है।
  7. कैनाबिस इण्डिका के सेवन से स्त्री व पुरुषों के गुप्त रोग भी ठीक हो जाते है।

इसके अलावा कैनाबिस इण्डिका बहुत से रोगों के उपचार में प्रयोग की जाती है।

विभिन्न रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग 

  1. मन के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के मानसिक रोगों का उपचार सम्भव है, अगर किसी रोगी को हमेशा गुस्सा ही आता रहता है, या फिर वह छोटी सी बात पर चिढ़ जाता है, या फिर रोगी हर समय बड़बड़ाता रहता है, या फिर वह अपनी ही धुन में मगन रहता है, या फिर वह यह बोलता है कि दिन नहीं कट रहा है बड़ा हो रहा है मैं क्या करूँ क्या नहीं, या फिर तुरन्त ही अपने विचार अथवा स्वभाव को बदल लेता है जैसे कि वह एक पल में खुश हो जाता है और दूसरे ही पल में दुखी हो जाता है, या फिर वह हमेशा ही उदास बैठा रहता है तो उस रोगी को शीघ्र ही कैनाबिस इण्डिका की खुराकें समय से देनी चाहिए।

  1. सिर के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का प्रयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के सिर के रोग पूरी तरह से समाप्त हो जाते है, अगर रोगी को ऐसा लगता हो जैसे कोई उसके सिर को तोड़ रहा हो और सिर पर हथौड़ा मार रहा हो, या फिर रोगी को यह लगे कि उसका सिर ऊपर की ओर कोई खींच रहा हो, या फिर रोगी को यह लगे कि किसी ने उसके सिर पर बहुत सारा वजन रख दिया हो जिससे उसे चक्कर आने शुरू हो गए हो, या फिर रोगी को दिमाग में तेज झटके जैसे महसूस होते हो, या फिर रोगी के आधे सिर में दर्द रहता हो, तब इस हालत में जरा भी देरी न करते हुए उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका की खुराकें समय से देनी चाहिए।

  1. नेत्र के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका cannabis का प्रयोग

कैनाबिस इण्डिका से बहुत सारे नेत्र के रोगों का इलाज किया जाता है जिसमें से अगर किसी रोगी को उसकी आँखों पर नियंत्रण न हो जैसे कि किताब पढ़ते समय उसकी आँखें यहाँ वहाँ होती रहती हो जिससे कि उसका फोकस न बन पाता हो, या फिर रोगी को तेज रोशनी से दिक्कत होती हो, या फिर रोगी की आँखे एक ही जगह जम जाती हो, या फिर रोगी को दृष्टिभ्रम होते हो जैसे कि अचानक से उसे ऐसा कुछ दिखने लगे जिसका वात्सव में कोई अस्तित्व ही न हो, रोगी की इस हालत में तुरन्त ही कैनाबिस इण्डिका की खुराकें उस रोगी को खिलानी चाहिए।

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  1. कान के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से कान से सभी रोग ठीक हो जाते है, अगर किसी रोगी के कान में तेज जलन हो रही हो, या फिर रोगी के कान में अजीब सी आवाजे गूँजती हो, या फिर तेज आवाज सुनने पर रोगी दर्द से चीख पड़ता हो तो उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका की खुराकें देनी चाहिए।

  1. चेहरे के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

अगर किसी रोगी के चेहरे पर अजीब से भाव आ रहे हो, या फिर वह अपने चेहरे को अजीबोगरीब तरीके से करके रखता हो, या फिर उस रोगी के दोनों होंठ आपस मे चिपक जाते हो, या फिर रोगी सोते समय अपने दाँतो को पीसता हो, या फिर रोगी का मुँह सूखा हुआ रहने लगे, या फिर रोगी के मुँह से झाग वाली लार आने लगे तो इन सभी परिस्थितियों से निबटने के लिए रोगी को कैनाबिस इण्डिका की खुराकें देनी चाहिए।

  1. पेट के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका होम्योपैथिक दवा पेट के रोगों के उपचार में भी प्रयोग की जाती है, इसके सेवन से सभी तरह के पेट के रोगों में आराम मिल जाता है, अगर किसी रोगी के पेट में दर्द रहता है, या फिर उसका पेट बहुत ज्यादा फूल रहा हो, या फिर रोगी के पेट की नसों में बहुत तेज दवाब पड़ रहा हो और रोगी को यह लग रहा हो कि पेट की सभी नसे फट जाएगा, या फिर रोगी के पेट में गैस बन रही हो जिसकी वजह से उसके सीने में भी दर्द उठ रहा हो, या फिर रोगी को बहुत तेज और ज्यादा भूख लग रही हो तो रोगी की इस हालत को ठीक करने के लिए उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका की खुराक देनी चाहिए। कैनाबिस इण्डिका के सेवन से रोगी के यह सभी लक्षण खत्म हो जायेगे।

  1. मूत्र रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के मूत्र विकार ठीक हो जाते हौ, अगर किसी रोगी को मूत्र त्याग के समय कुछ चिपचिपा से स्राव आ रहा हो, या फिर उसे पेशाब करते समय बूँद-बूँद करके पेशाब निकलती हो, या फिर उसे ऐसा लगता हो जैसे कि उसकी मूत्र वाहिकाएँ अंदर से जाम हो गयी हो, या फिर रोगी के किडनी में दर्द होता हो, या फिर रोगी को मूत्र त्याग के समय जलन और दर्द होता हो तो इन सभी लक्षणो को दूर करने के लिए उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका का सेवन करना चाहिए।

  1. पुरुष रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका सभी तरह के गुप्त रोगों के उपचार में रामबाण का काम करती है, अगर किसी पुरुष को संभोग करने के बाद कमर या उसके आसपास के हिस्से में तेज दर्द होता है, या फिर रोगी के निजी अंग में से सफेद पदार्थ का स्राव हो रहा हो, या फिर रोगी को हमेशा ही तेज उत्तेजना बनी रहती हो, या फिर रोगी के नाभी और गुदा द्वार या उसके आसपास के हिस्सों में सूजन के साथ दर्द भी बना रहता हो, या फिर रोगी का निजी अंग सूज जाता हो तब इन सभी लक्षणों को समाप्त करने के लिए रोगी को कैनाबिस इण्डिका का सेवन करना चाहिए।

  1. स्त्री रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के स्त्री रोगों का उपचार संभव है, अगर किसी स्त्री रोगी को माहवारी के समय बहुत तेज दर्द होता हो और इसके साथ ही गाढ़े रंग का खून भी बहुत ज्यादा मात्रा में आता हो, या फिर रोगी को माहवारी के समय कमर के निचले हिस्से में या फिर पूरी कमर में तेज दर्द होता हो, या फिर स्त्री के गर्भाशय में दर्द रहता हो, या फिर स्त्री में बांझपन जैसे लक्षण पैदा हो गए हों, या फिर स्त्री में सम्भोग करने की बहुत ही ज्यादा इच्छा हो रही हो तो उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका की खुराक समय से देनी चाहिए।

  1. साँस के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह के साँस के रोग ठीक हो जाते है, अगर किसी रोगी को साँस लेने में दर्द हो रहा हो, या फिर उसकी छाती से आवाज आ रही हो, या फिर रोगी को बलगम आ रहा हो, या फिर रोगी को दमा के दौरे आते हो, या फिर रोगी की छाती में तेज जकड़न रहती हो तब उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका का सेवन करवाना चाहिए।

  1. दिल के रोगों के उपचार में कैनाबिस इण्डिका का उपयोग

अगर किसी रोगी के दिल में दर्द रहता है, या फिर उस रोगी को दिल के दौरे की शिकायत रहती है, या फिर रोगी के दिल में घुटन बनी रहती है, या फिर रोगी की नाड़ी बहुत धीमी हो गयी हो तो उस रोगी को कैनाबिस इण्डिका का सेवन करवाना चाहिए। कैनाबिस इण्डिका के सेवन से सभी तरह की दिल की शिकायत ठीक हो जाती है।

इसके अलावा कैनाबिस इण्डिका का उपयोग नींद के रोगों के उपचार में, हाथ व पैरो के दर्द में, कमजोरी को दूर करने में, कंधे व रीढ़ की हड्डी के दर्द में भी किया जाता है।

कैनाबिस इण्डिका का सेवन कैसे किया जाता है ?

कैनाबिस इण्डिका होम्योपैथिक दवा का प्रयोग आप अपने मन से कभी भी मत कीजियेगा, क्योंकि  कैनाबिस इण्डिका एक नशीली दवा होती है जिसके ज्यादा सेवन करने से रोगी अपना मानसिक संतुलन खो सकता है, इसीलिए कैनाबिस इण्डिका का सेवन हमेशा चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए।

आमतौर पर कैनाबिस इण्डिका की 4 से 5 बूंदे आधा कप पानी में मिलाकर दिन में 3 से 4 बार पीना चाहिए।

कैनाबिस इंडिका को उपयोग करते वक्त कौनकौन सी सावधानी रखनी चाहिए ?

1.कैनाबिस इण्डिका का उपयोग करने से पहले उसका लेबल जरूर देखना चाहिए, क्योंकि उसके लेबल पर उस दवा की एक्सपायर डेट लिखी होती है, अगर कैनाबिस इण्डिका एक्सपायर हो गयी है तो उसका सेवन नहीं करना चाहिए।

  1. कैनाबिस इण्डिकाका कभी भी ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए, आपके चिकित्सक ने जितनी मात्रा आपको लेने के लिए बोली है, हमेशा उतनी ही मात्रा ले।
  2. कैनाबिस इण्डिकाहोम्योपैथिक दवा को हमेशा अपने घर के ऊँचे स्थानों पर रखना चाहिए, जिससे छोटे-छोटे बच्चे दवा से दूर रह सके क्योंकि अगर गलती से भी बच्चों ने कैनाबिस इण्डिकाका सेवन हद से ज्यादा कर लिया तो बच्चों की तबियत खराब हो सकती है।
  3. कैनाबिस इण्डिकानामक होम्योपैथिक दवा को हमेशा धूप और तेज गर्मी से बचाकर रखना चाहिए, इसीलिए हमेशा कैनाबिस इण्डिकाको ठंडी और सुखी जगह पर ही रखना चाहिए, जहाँ पर नमी न पहुँचे।

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